
Daily pay staff problem
जबलपुर. बड़े नोटों को बैंक और बाजार से लेकर अपने पास जमा करने वालों के कारण ही केन्द्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। जिसके बाद अरबों रुपए की ब्लैककरंसी बाहर आ गई थी। लेकिन अब फिर एक बार ऐसा ही नजारा सामने आ रहा है। बैंकों में इन दिनों 500 और 2000 के नोटों की भारी किल्लत देखी जा रही है। खासकर व्यापारी और कालाबाजारी करने वाले इन नोटों की जमकर जमाखोरी कर रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े से नोटों की समस्या बनी हुई है। अब इंटेलीजेंस और आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों की मानें तो जमाखोरों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। संदिग्ध पाए जाते ही कड़ी कारज़्वाई हो सकती है। ऐसे में बैंकों ने कहा है कि बड़े नोटों को वापस न लौटाया गया तो आम आदमी को परेशानी हो सकती है।
एटीएम से रुपए नहीं निकलने की समस्या दूर नहीं हो रही है। मंगलवार को भी लोग अलग-अलग एटीएम भटकते रहे। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि बैंकों से जारी हुए बड़े नोट में से नाममात्र के नोट ही वापस पहुंच रहे हैं। ये नोट कहां जा रहे हैं यह जांच का विषय है। वहीं एक चचाज़् यह भी है कि सरकार बड़े नोट का चलन धीरे-धीरे कम कर सकती है, इसलिए रिजवज़् बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) भी कम मात्रा में बड़े नोट जारी कर रहा है।
बैंकों में बड़े नोट अधिक मात्रा में नहीं हैं। आरबीआई से भी बड़े नोट कम आने के चलते बैंक पहले अपने यहां आने वाले ग्राहकों की आपूतिज़् करता है, फिर एक अनुपात में अपने द्वारा संचालित एटीएम में डाले जा रहे हैं। नोट की कमी के कारण कई एटीएम काम नहीं कर रहे हैं। बड़े नोट की जमाखोरी की भी आशंका व्यक्त की जा रही है।
आरबीआई से मांगे नोट
बैंकों द्वारा मांग किए जाने के बाद भी आरबीआई से पयाज़्प्त मात्रा में नोट नहीं मिल रहे हैं। जानकारों ने बताया कि शहर में ऐसा कोई बैंक नहीं है जहां से मांग नहीं गई हो। एसबीआई, सेन्ट्रल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रमुख बैंक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक अकेले जिले में ही 80 से 100 करोड़ रुपए लेनदेन के लिए बैंकों को नोटों की आवश्यकता होती है।
जरूरत के हिसाब से नोटों की संख्या कम है। इसलिए थोड़ी परेशानी हो रही है। भारतीय रिजवज़् बैंक को डिमांड भेजी है। आपूतिज़् होने पर स्थिति सामान्य हो जाएगी।
- पीवी साई सुब्रमणी, सीनियर रीजनल मैनेजर, सेंट्रल बैंक
ग्राहक लगे रहे कतार में
शहर में 25 से ज्यादा राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंकों के 400 से अधिक एटीएम हैं। इनमें से ज्यादातर में नोट नहीं हैं। ऐसे एटीएम में मशीन बंद होने के बोडज़् लगा दिए गए हैं। काम कर रहे एटीएम में भी अक्सर रुपए नहीं होने का संदेश मिल रहा है। इस बीच जिन एटीएम में रुपए डाले गए वहां ग्राहकों की कतार लग रही है।
Updated on:
25 Aug 2018 10:06 am
Published on:
14 Feb 2018 10:13 am
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