Monsoon in MP: मध्य प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून बुरहानपुर के रास्ते अपनी दस्तक दे चुका है। समय से एक दिन की देरी से एमपी पहुंचा मानसून एक दिन पहले ही इंदौर, पचमढ़ी और मंडला तक फैल चुका है। वहीं अब जबलपुर की ओर बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण मानसून ने इस क्षेत्र से भी राज्य में प्रवेश किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह दोतरफा प्रगति मध्य प्रदेश में मानसून की रफ्तार को तेज गति से बढ़ा रही है। जिससे एमपी में अगले 48 घंटे अहम माने जा रहे हैं। इस बार मानसून बुरहानपुर के रास्ते से एमपी पहुंचा है, अब राज्य के पूर्वी हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ भारी से अतिभारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जबलपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में बना कम दबाव का क्षेत्र (Low-Pressure Area) और चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) मानसून को हाईस्पीड दे रहा है।
मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से जबलपुर बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं का एक महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु बन गया है। यह प्रणाली नरसिंहपुर, डिंडोरी, सागर और शहडोल जैसे आसपास के जिलों में भारी बारिश का कारण बन रही है। जबलपुर में मंगलवार को 34.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई वहीं, अगले 24 घंटों में 2.5 से 4 इंच बारिश होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश में मानसून आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम से, यानी बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी जैसे क्षेत्रों से प्रवेश करता है, जो अरब सागर की मानसूनी शाखा से प्रभावित होता है। हालांकि, इस बार जबलपुर के रास्ते बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएं भी एक्टिव हैं। ऐसे में डबल स्पीड से मध्य प्रदेश में मानसून को पूरे राज्य में फैलाने में मदद कर रही हैं।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. सतीश चंद्रा के मुताबिक, जबलपुर में कम दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं मानसून को पूर्वी और मध्य मध्य प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ा रही हैं।
मध्यप्रदेश में 16 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। इस दिन प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर और बडवानी में मानसून ने दस्तक दी। इसके बाद प्रदेश के दक्षिणी जिलों में सक्रिय हुआ और डेढ दर्जन जिलों में छा गया। तीसरे दिन यानि 18 जून को मानसून प्रदेश के मध्य और उत्तरी क्षेत्र में आगे बढ़ गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून बुधवार को ग्वालियर पहुंच गया है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की तेज गति से आगे बढ़ रहा है, इसलिए 8 दिन पहले ही ग्वालियर में एंट्री कर ली है। जबकि इससे पहले ग्वालियर में वर्ष 2021 में भी मानसून 8 दिन पहले पहुंचा था, तब 19 जून को यहां मानसून आया था।
मौसम विभाग के मुताबिक 18 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, आगर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, निवारी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, कटनी, मैहर, जबलपुर, नरसिंगपुर, मुरैना, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर कलां, ग्वालियर और दतिया जिले में आगे बढ़ गया है। इस प्रकार 35 जिलों को कवर कर लिया है। मानसून की एंट्री के साथ ही बुरहानपुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी, इंदौर, धार, पचमढ़ी, मंडला, सागर, बालाघाट और रीवा में बारिश पहले ही शुरू हो चुकी थी। जबलपुर और शहडोल संभागों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। छतरपुर के नौगांव में 1.25 इंच, मंडला में 0.5 इंच और रीवा में 1 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई। अगर सबकुछ ठीक रहा तो राजधानी भोपाल में भी मानसून की समय से पहले ही पहुंचेगा।
मध्य्प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही तापमान में कमी भी दर्ज की गई है। जबलपुर में तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस, भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री और पचमढ़ी में 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने जबलपुर में कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो दिनों में भारी बारिश और तेज हवाओं का पूर्वानुमान जताया है।
जबलपुर से मानसून का प्रवेश पूर्वी मध्य प्रदेश के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जहां धान, सोयाबीन और मक्का की खेती प्रमुख है। मौसम विभाग ने इस साल 106% औसत वर्षा की भविष्यवाणी की है, जो सामान्य 37.3 इंच बारिश से अधिक है। जबलपुर और शहडोल संभागों में सामान्य से डेढ़ गुना अधिक बारिश की संभावना है, जो जलाशयों और फसलों के लिए शुभ संकेत है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि जबलपुर से प्रवेश करने वाली मानसूनी हवाएं और बुरहानपुर से फैल रहा मानसून 20 जून तक पूरे मध्य प्रदेश को कवर कर सकता है। जबलपुर में कम दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों में और सक्रिय रहेगा, जिससे भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है।
जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी को देखते हुए, लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। बिजली गिरने की घटनाओं से बचने के लिए खुले स्थानों में न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। मध्य प्रदेश में मानसून का डबल दिशाओं से आगमन न केवल मौसम को सुहाना बना रहा है, बल्कि यह कृषि और जल संसाधनों के लिए भी वरदान साबित हो रहा है। मौसम विभाग ने नागरिकों से मौसम अपडेट्स पर नजर रखने और सावधानी बरतने की सलाह भी दी है।
Updated on:
18 Jun 2025 08:51 pm
Published on:
18 Jun 2025 01:14 pm