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हाईकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट से बड़ा खुलासा, भोपाल आरओबी 90 नहीं, 119 डिग्री का खतरनाक मोड़

पीडब्ल्यूडी की खराब इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना, मैनिट के सीनियर प्रोफेसर ने हाईकोर्ट में पेश की सीलबंद रिपोर्ट, रिपोर्ट पर एक्सपर्ट ने बताया 90 डिग्री नहीं, बल्कि 119 डिग्री का खतरनाक मोड़, कोर्ट को बताया किसी भी ब्रिज पर मोड़ का आदर्श एंगल, अगली सुनवाई 17 सितंबर को...

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bhopal 90 degree bridge

भोपाल का 90 डिग्री वाला ब्रिज। फोटो- ANI

MP High Court on Bhopal Bridge Controversy: राजधानी भोपाल के ऐशबाग में खराब इंजीनियरिंग की कहानी बयां कर रहे 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज के मामले में एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) में सुनवाई हुई। कोर्ट के निर्देश पर मैनिट भोपाल के सीनियर प्रोफेसर ने ब्रिज की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट में पेश कर दी।

राज्य सरकार ने कोर्ट में बताया ओवर ब्रिज का एंगल 90 नहीं

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया किभोपाल का ओवरब्रिज का एंगल 90 नहीं, बल्कि 118 से 119 डिग्री के बीच है। सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि ठेके के संबंध में गलतियां सुधारने के लिए कदम भी उठाए जा रहे हैं। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेकर इसकी प्रति याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

119 डिग्री का मोड़ भी खतरनाक, अगली सुनवाई 17 सितंबर को

ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश के परिप्रेक्ष्य में कोई कठोर कार्रवाई करने पर लगाई रोक बरकरार रखी। अगली सुनवाई 17 सितंबर (MP High Court) को होगी। हालांकि सरकार के इस तर्क के बाद ही ब्रिज का मोड़ 90 नहीं, 119 डिग्री है…इसे विशेषज्ञों ने खराब ही बताया है।

किसी भी ब्रिज पर मोड़ का आदर्श एंगल क्या?

विशेषज्ञों का कहना है, एंगल महज 10 डिग्री ही होना चाहिए। ब्रिज पर मोड़ का यह एंगल आदर्श है। 119 डिग्री का मोड़ खतरनाक है। इसे सुधारना होगा।

यह है मामला

तकनीकी गड़बड़ी के साथ बनाए ऐशबाग आरओबी की पोल खुली तो पीडब्ल्यूडी ने ठेका कंपनी मेसर्स पुनीत चड्ढा को ब्लैक लिस्टेड कर दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ ठेका फर्म हाईकोर्ट पहुंची। ठेकेदार के अधिवक्ता प्रवीण दुबे ने दलील दी कि पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने जैसी डिजाइन दी, उसी आधार पर आरओबी बनाई। निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करना गलत है। मामले की उच्चस्तरीय जांच में दोषी अफसरों को सजा मिल चुकी है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में हकीकत का पता लगने मैनिट के डायरेक्टर को निर्देश दिया कि सीनियर प्रोफेसर से जांच कराएं।

आरओबी के स्लैब को 30% चौड़ा करना होगा

118-119 डिग्री का एंगल सही नहीं है। किसी ब्रिज के घुमाव में 10 डिग्री तक का मोड़ आदर्श माना जाता है। इससे ट्रैफिक को ज्यादा दिक्कत नहीं होती। यदि बेहद जरूरी हो तो एंगल वाले स्लैब को अपेक्षाकृत 30% ज्यादा चौड़ा करना चाहिए। इससे गाड़ियों की गति धीमी होगी और टर्न लेने पर उन्हें ज्यादा जगह मिलेगी। ऐसा नहीं करने पर हादसे हो सकते हैं।

-जेके तिवारी, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी