
Minister Vijay Shah
MP News: मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने धर्म परिवर्तन मुद्दे पर बड़ा बयान देकर एक बार फिर चर्चा में हैं। जबलपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन सरकार का विषय नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति का निजी चयन है। मीडिया के सवाल के जवाब पर उनकी इस टिप्पणी ने उन्हें एक बार फिर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। वे यहां जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
दरअसल पत्रकार वार्ता में मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि कई आदिवासी भाई-बहन धर्म परिवर्तन की ओर आकर्षित हो रहे हैं… तब उन्होंने ये जवाब दिया है। विजय शाह का यह बयान उस वक्त आया है, जब देशभर में धर्म परिवर्तन को लेकर सियासी बहस तेज है। कई राज्य इस पर सख्त कानून बनाने पर जोर दे रहे हैं। वहीं भाजपा मंत्री का ये बयान पार्टी लाइन से अलग भाषा का माना जा रहा है। ऐसे में इस बयान को लेकर वे फिर से चर्चा में आ गए हैं।
शाह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में भगवान बिरसा मुंडा, वीरांगना रानी दुर्गावती, राजा शंकर शाह और कुमार रघुनाथ शाह जैसे आदिवासी वीरों ने अपना सबकुछ न्योछावर किया। उन्होंने आगे कहा कि कहा, 'दुर्भाग्य है कि इतने बलिदान के बाद भी आजादी के बाद इन्हें वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे वास्तविक हकदार थे।'
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाए जाने के निर्णय की प्रशंसा भी की।
मंत्री ने आदिवासी समाज की प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज समाज की बेटियां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य क्रांति गौड़ का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पूरा आदिवासी समाज गौरवान्वित है।
उन्होंने यह भी कहा कि एक समय मोटे अनाज को केवल आदिवासियों का भोजन कहा जाता था, लेकिन आज वही कोदो-कुटकी जैसे अनाज देश भर के मॉल्स में 100 से 150 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। इससे आदिवासी उत्पादों का महत्त्व बढ़ा है।
मंत्री शाह ने बताया कि आगामी जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इसमें राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, स्वयं मंत्री विजय शाह और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के नर्मदा जिले से कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शाह ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में उन आदिवासी हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। इनमें पद्मश्री भज्जू श्याम, पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य क्रांति गौड़, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज रागिनी मार्को, सृष्टि सिंह आदि नाम शामिल हैं।
-विजय शाह का पूरा नाम कुंवर विजय शाह है। वह आठ बार के विधायक हैं। पहली बार 1990 में वह बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते थे। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की हरसूद विधानसभा क्षेत्र में उनका राजनीतिक दबदबा रहा है। ये गोंड आदिवासी बहुल इलाका है।
-उन्होंने हरसूद विधानसभा क्षेत्र से 1993, 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में चुनाव जीता है।
-मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के काल में पहली बार कैबिनेट मंत्री बने। फिर बाबू लाल गौर और फिर शिवराज सिंह चौहान के तीसरे मंत्रिमंडल में वह शिक्षा मंत्री और चौथे मंत्रिमंडल में वन मंत्री बनाए गए थे। अब डॉ. मोहन यादव के शासन काल में भी कैबिनेट मंत्री हैं। पिछले 20 साल से वे लगातार कैबिनेट मंत्री बने हुए हैं।
-मकड़ाई रियासत के गोंड राज परिवार से ताल्लुक रखने वासे विजय शाह खुद आदिवासी हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके भाई संजय शाह टिमरीन के विधायक रह चुके हैं।
मध्यप्रदेश सरकार के जनजातीय विभाग और भोपाल गैस त्रासदी विभाग के मंत्री विजय शाह ने महू में एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने (आतंकियों) ने कपड़े उतार-उतार के हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन (कर्नल सोफिया कुरैशी) को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके (आतंकियों के) घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते थे, इसलिए उनकी समाज (आतंकियों के समाज) की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है। तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। इस बयान पर बवाल मचने के बाद विजय शाह ने बाद में माफी भी मांगी थी। लेकिन सु्प्रीम कोर्ट ने उन पर 24 घंटे में FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे। उस समय एमपी के वो पहले ऐसे मंत्री बने जिस पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता को खतरे में डालने के कार्य करने के तहत बीएनएस की धारा 152 के तहत केस दर्ज किया गया था।
तब उनके साथ मंच पर महू की विधायक एवं पूर्व मंत्री उषा ठाकुर, जनपद पंचायत अध्यक्ष राजाराम कटारा, आंवेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पूजालाल निनामा, बीजेपी मंडल कोदरिया अध्यक्ष महेश यादव और परशुराम मंडल के संजय मीणा भी उपस्थित थे। इनके साथ ही महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर भी कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, लेकिन विजय शाह के भाषण के समय वे वहां से चली गई थीं।
वर्ष 2013 में जब विजय शाह जनजातीय कार्य मंत्री थे। तब खंडवा में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था।
यही नहीं एक और कार्यक्रम में बालिकाओं को टी-शर्ट बांटते समय उन्होंने कहा था, इनको दो-दो दे दो, मुझे नहीं पता ये नीचे क्या पहनती हैं…? मंत्री विजय शाह इस बयान पर भी सार्वजनिक आलोचना झेल चुके हैं।
सितंबर 2022 में खंडवा में एक सभा को संबोधित करते हुए विजय शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शादी को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। तब उन्होंने कहा था, अगर कोई लड़का 50-55 साल का हो जाए और शादी न करे तो लोग पूछते हैं कि कोई कमी तो नहीं है? इस बयान ने विजय शाह को सुर्खियों में ला दिया था।
साल 2018 में शिक्षक दिवस समारोह में भी मंत्री विजय शाह के बोल बिगड़े थे। तब भरे मंच से एक विवादित बयान देकर वे खबरों में बने रहे। तब उन्होंने कहा था, अगर आज गुरु के सम्मान में ताली नहीं बजाओगे तो, अगले जन्म में घर-घर जाकर ताली बजानी पड़ेगी। उनके इस बयान पर किन्नर समुदाय ने काफी विरोध दर्ज कराया था।
साल 2020 में अपनी अपकमिंग फिल्म शेरनी की शूटिंग के लिए एक्ट्रेस विद्या बालन मध्यप्रदेश के जंगलों में शूटिंग कर रही थीं। उस समय भी मंत्री शाह पर आरोप लगा कि उस वक्त वन मंत्री रहे विजय शाह ने एक्ट्रेस को डिनर के लिए आमंत्रण भेजा। लेकिन विद्या बालन से आमंत्रण से इनकार कर दिया। तब अगले ही दिन शूटिंग क्रू की गाड़ियों को जंगल में प्रवेश से रोक दिया गया, जिससे पूरी फिल्म यूनिट को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
मंत्री विजय शाह एक बार चिकन पार्टी से जुड़े विवादों में भी घिर चुके हैं। तब भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियों में वे अपने दोस्तों के साथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में पार्टी करते दिखे थे। उस पार्टी में मांसाहार परोसे जाने की बात भी सामने आई थी। वीडियो सामने आने के बाद जांच के आदेश तो दिए गए, लेकिन मामले में आज तक कोई जांच नहीं की गई और न ही कोई एक्शन नहीं लिया गया।
Updated on:
15 Nov 2025 01:14 pm
Published on:
15 Nov 2025 10:41 am
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