
अंगदान- किडनी, हार्ट और आंखें दान करने यहां लग गई कतार, ये कर रहे पूरा शरीर दान विश्व अंगदान दिवस आज- अंगदान पर जागा शहर, १५० डोनर आए सामने जबलपुर। शहर में डोटो (डिवीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) के कारण अंगदान के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। पहली बार बने ग्रीन कॉरिडोर के बाद अंगदान का रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। दो निजी हॉस्पिटलों ने भी अंग प्रत्यारोपण के लिए लाइसेंस लेने का प्रयास शुरू किया है। संभावना है कि जल्द ही शहर में अंग प्र्रत्यारोपण की सुविधा वाले हॉस्पिटल बढ़ जाएंगे।
जबलपुर। शहर में डोटो (डिवीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) के कारण अंगदान के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। पहली बार बने ग्रीन कॉरिडोर के बाद अंगदान का रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। दो निजी हॉस्पिटलों ने भी अंग प्रत्यारोपण के लिए लाइसेंस लेने का प्रयास शुरू किया है। संभावना है कि जल्द ही शहर में अंग प्र्रत्यारोपण की सुविधा वाले हॉस्पिटल बढ़ जाएंगे।
अभी छह माह का इंतजार- मेडिकल कॉलेज की लाइसेंस प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। यहां ब्रेन डेथ टेस्ट की एबीजी मशीन खराब है। मेडिकल कारपोरेशन में रेट कॉन्ट्रेक्ट न होने के कारण मशीन खरीदी में रोड़ा है। जब मशीन आएगी तो मेडिकल कॉलेज में भी अंग निकासी शुरू हो जाएगी। वहीं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शुरू होने के बाद अंग प्रत्यारोपण के लिए स्पेशल ओटी और आईसीयू की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए अभी छह माह इंतजार करना होगा। कार्यक्रम आजमानस भवन में रविवार सुबह १०.३० बजे से विश्व अंगदान दिवस के मौके पर कार्यक्रम होगा। इस मौके पर अंगदान के लिए भूमिका निभाने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री शरद जैन, डोटो के चेयरमैन कमिश्नर गुलशन बामरा एवं डॉक्टर मौजूद रहेंगे।
बनेंगे डोनर कार्ड
मेडिकल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. राहुल राय ने बताया कि अभी तक १५० लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। कार्यक्रम स्थल पर भी डोनर कार्ड बनाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना और डोटो के नोडल अफसर डॉ. अशोक जैन ने भी डोनर कार्ड बनवाया है।
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सरल हो अंगदान की प्रक्रिया
शहर के किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अंकित फुसकेले के अनुसार मप्र में अंगदान की प्रक्रिया उतनी सरल नहीं है, जितना दक्षिण भारत के राज्यों में है। अंगदान की प्रक्रिया को केन्द्र सरकार द्वारा थोटा २०१४ ( ह्यूमन टिश्यू एवं आर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट) के द्वारा विनयमित किया जाता है। दक्षिण भारत के राज्यों द्वारा पारित अधिनियम के अनुसार राज्य स्तर पर एक प्राधिकार समिति का गठन किया जाता है। यह समिति अंगों के निष्पक्ष वितरण को सुनिश्चित करती है और अंगदान की प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बनाती है। वर्तमान में राज्य स्तर पर सोटो का गठन भी नहीं हुआ है। इस जरूरतमंद मरीजों के पंजीयन की प्रक्रिया जबलपुर में शुरू हो चुकी है। एक बार ग्रीन कॉरिडोर बना तो लोगों की तरत्परता भी बढ़ गई है।
अंगदान के लिए सब्सिडी दी जाए
आम नागरिक मित्र फाउंडेशन के डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि निजी हॉस्पिटलों की अपेक्षा शासकीय अस्पतालों में एक तिहाई बजट में अंग प्रज्यारोपण हो जाता है। महंगाई के कारण तमाम परिवारों के लोग रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं। जबकि, सरकारी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट की सुविधाएं नहीं है। एेसी स्थिति में अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को सब्सिडी दी जानी चाहिए। युवा प्रकोष्ठ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच के मनीष शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि अंगदान के प्रति जागरूकता में भारी कमी हुई है। प्रकोष्ठ के डॉ. राकेश चक्रवर्ती, राकेश समुन्द्रे, विकास जनवार आदि ने बताया कि सरकार को अंगदान जागरूकता के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
Published on:
13 Aug 2017 08:52 am
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