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अब दिखेगा भारतीय वायुसेना का दम, यहां तैयार हो रहा ढाई क्विंटल का एयरक्राफ्ट बम

अब जबलपुर में ही तैयार हो जाएगा ढाई क्विंटल का एयरक्राफ्ट बम। ग्रे आयरन फाउंड्री में होगी एयर बम बॉडी की फिनिशिंग।

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अब दिखेगा भारतीय वायुसेना का दम, यहां तैयार हो रहा ढाई क्विंटल का एयरक्राफ्ट बम

वायुसेना के लिए सबसे अधिक उपयोगी 250 किलोग्राम के एयर बम अब जबलपुर की ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआइएफ) में ही पूरी तरह से तैयार होंगे। बॉडी फिनिशिंग के लिए कंपनी ने 8 करोड़ रुपए की अत्याधुनिक सीएनसी मशीनें मंगाई हैं। इनसे एयरक्राफ्ट बम की फिनिशिंग यहीं हो जाएगी। पहले इन्हें बनाने के बाद फिनिशिंग के लिए मुरादनगर या दूसरी जगहों पर भेजा जाता था। अब कंपनी जल्दी इन बमों की सप्लाई वायुसेना को दे सकेगी। ढाई क्विंटल के इन एयरक्राफ्ट बम इतने विध्वंसक हैं कि दुश्मन की बड़ी अधोसंरचना जैसे पुल, एयरबेस, बंकर आदि को आसानी से ध्वस्त किया जा सकता है। साथ ही इन्हें किसी भी लड़ाकू विमान में फिट किया जा सकता है। वायुसेना से इन बमों का बड़ा आर्डर जीआइएफ को मिला है।


कंपनी ने इन एयर बम की बॉडी को विकसित करने में सफलता हासिल की है। 50 से अधिक बम बॉडी की ढलाई की जा चुकी है। इसे फिनिश करना पड़ता है तभी इसमें बारूद की फिलिंग की जा सकती है। फाउंड्री को यह काम आयुध निर्माणी मुरादनगर या निजी फर्म के जरिए करवाना पड़ता है। इसमें खर्च आता है। उत्पाद की लागत बढ़ जाती है। इसलिए नई मशीनों को मंगाया गया है। अब यह काम इन हाउस हो सकेगा। बम बॉडी की आउटर फिनिशिंग के लिए दो और इंटरनल फिनिशिंग के लिए एक मशीन मंगाई गई है। यह आधुनिक ऑटोमैटिक मशीनें हैं। इनमें गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।

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OFK में होती है बारूद की फिलिंग

बम बॉडी तैयार होने के बाद उसमें बारूद की फिलिंग की जाती है। यह काम आयुध निर्माणी खमरिया में किया जाता है। अब इसमें देरी नहीं होगी क्योंकि सारी प्रक्रिया फाउंड्री में पूरी होगी। इस बम की वायुसेना में बहुत मांग है। विध्वंसक बम का इस्तेमाल एयरक्राफ्ट से किया जाता है।

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ये फायदा होगा

जीआरएफ के जनसंपर्क अधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि, एयर बम 250 किग्रा की बॉडी की फिनिशिंग अभी तक बाहर से करवाना पड़ती है। इसमें खर्च के साथ समय लगता था। नई मशीनें मंगाई गई हैं, इनके जरिए बम बॉडी को रक्षा मानकों के अनुरूप आकार दिया जा सकेगा।

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