
CG Naxal News: @आकाश मिश्रा/बस्तर में नक्सलियों पर लगातार प्रहार हो रहा है। इस बीच या तो वे एनकाउंटर में मारे जा रहे हैं या सरेंडर कर रहे हैं। नक्सल संगठन में 130 नए लड़ाकों की भर्ती की खबर आने के बाद इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि आखिर अब वे लड़ाकों को ट्रेंड कर कहां रहे हैं। बस्तर में नक्सलियों के अब तक ऑपरेट होते रहे बड़े ट्रेनिंग बेस ध्वस्त हो चुके हैं।
बस्तर में फोर्स लगातार जंगलों में कैंप स्थापित कर रही है। नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में फोर्स के कैंप की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अबूझमाड़ के जिन गांवों को नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता था वहां पर अब फोर्स के चार नए कैंप स्थापित हुए हैं। नक्सली इन्हीं गांवों में अपने लड़ाके तैयार करते थे लेकिन वहां फोर्स की दखल बढऩे की वजह से ट्रेनिंग देने के लिए सुरक्षित जगह तलाश रहे हैं।
अबूझमाड़ के कुतुल, बेड़माकोटी, कोडलियार, पदमकोट में फोर्स के कैंप स्थापित होने के बाद से यहां नक्सलियों का प्रभाव बेहद कम हो चुका है। अब वे यहां पहले की तरह गतिविधियां नहीं कर पा रहे हैं। पहले इन्हीं 4 गांवों में नक्सलियों की बड़ी बैठकें, ट्रेनिंग व अन्य आयोजन होते थे। नक्सलियों के बड़े लीडर भी इन गांवों में शरण लिया करते थे जो अब इनसे दूर जा चुके हैं। इसके अलावा अबूझमाड़ के रेकावाया पीडिय़ाकोट,जटवर, तोके में भले ही कैंप स्थापित नहीं हुए हैं लेकिन इनसे लगे गांवों में कैंप स्थापित होने के बाद नक्सली अब सुरक्षित नहीं हैं। इस बात का जिक्र नक्सल लीडर सुधीर के पत्र में भी हुआ है।
बीजापुर जिले के नेशनल पार्क इलाके में तर्रेम से पामेड़ के बीच का इलाका नक्सलियों की सबसे खूंखार बटालियन नंबर 1 का इलाका हुआ करता था। इस इलाके में दुर्दांत नक्सली हिड़मा और देवा बारसे कभी पूरी बटालियन को ऑपरेट करते थे। बटालियन नंबर 1 के इलाके में आने वाले पीडिया, कोंडापल्ली, जिड़पल्ली 1, जिड़पल्ली 2, वाटेवागू, कोडग़ुंडम में कभी नक्सली स्वच्छंद होकर ट्रेनिंग कैंप चलाते थे।
नक्सलियों की माड़ डिवीजन ने अबूझमाड़ में इंद्रावती के पार नेलनार समेत तीन गांवों से 130 लड़ाके संगठन में भर्ती किए हैं। इनकी उम्र 9 साल से 25 साल तक है। इंटेल के सूत्र बताते हैं कि इन्हें जबरन संगठन में भर्ती किया गया है। नक्सलियों ने बकायदा ग्राम सभा करवाकर फरमान जारी किया कि संगठन को लड़ाकों की जरूरूत है और हर घर से एक-एक बच्चे और युवा को संगठन में काम करने के लिए भेजा गया।
प्रदेश में नई सरकार के आने के बाद पिछले 14 महीने में बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में 38 कैंप स्थापित किए गए हैं। सबसे ज्यादा कैंप बीजापुर और नारायणपुर के अबूझमाड़ में स्थापित हुए हैं। सभी 38 कैंप उन इलाकों में स्थापित किए गए हैं जहां कभी सिर्फ नक्सलियों की चला करती थी। इन इलाकों में नक्सली अपनी अघोषित सरकार चलाते थे। फोर्स के कैंप स्थापित होने के बाद नक्सलियों से उनकी जमीन छीनी गई है।
CG Naxal News: सुंदरराज पी. आईजी बस्तर रेंज: नक्सल संगठन अब बस्तर में पूरी तरह से बिखरता और सिमटता जा रहा है। अलग-अलग मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पास से मिल रहे पत्र व अन्य दस्तावेजों से भी यह स्पष्ट हो रहा है कि अब नक्सलियों का मनोबल काफी कमजोर हो चुका है। नक्सली अब किसी भी इलाके में ट्रेनिंग कैंप स्थापित कर नए लड़ाके तैयार करने की स्थिति में नहीं हैं।
Updated on:
28 Mar 2025 07:18 am
Published on:
28 Mar 2025 07:17 am
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