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गृहमंत्री चुनाव प्रचार करें या मंत्रालय संभालें, नहीं तो इस्तीफा दें… पूर्व CM भूपेश बघेल का तीखा बयान

CG News: जगदलपुर में प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली कार बम धमाके को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा।

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भूपेश बघेल ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा (photo source- Patrika)

भूपेश बघेल ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा (photo source- Patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को जगदलपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्र व राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने विशेष रूप से दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार रात हुए कार बम धमाके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लिए कहा कि वे चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाले या फिर गृहमंत्रालय की। देश की राजधानी में इस तरह का हमला होना काफी दुखद है।

यदि जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते तो इस्तीफा दें दे। बघेल ने नक्सलवाद पर भी कांग्रेस शासनकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए मोदी-शाह सरकार की नीतियों को बस्तर के लिए घातक करार दिया। इसके साथ ही प्रदेश़ में चल रही एसआईआर(स्पेशल इंटीग्रेटेड रेवेन्यू) प्रक्रिया को बस्तर के हजारों ग्रामीणों के लिए खतरे की घंटी बताया है।

CG News: नक्सलवाद के बहाने भू-लूट की साजिश

नक्सलवाद के मुद्दे पर बघेल ने कहा कि बस्तर नक्सलवाद मुक्त होना चाहिए, लेकिन बस्तर के लोगों का ही जल जंगल जमीन पर अधिकार होना चाहिए। सरकार के मित्रों का उपनिवेश नहीं बनना चाहिए। बस्तर के लोग ही बस्तर के मालिक हैं। लेकिन 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद नक्सलवाद के खिलाफ कई योजनाएं बनीं। सबसे ज्यादा मुठभेड़ें हुईं, सफलता मिली। सरेंडर नक्सलियों के लिए योजनाएं बनीं, अंदरूनी इलाकों में कैंप स्थापित किए गए और ग्रामीणों को रोजगार दिया गया। वहीं उन्होंने धान खरीदी पर भी सवाल उठाएं है।

ग्रामीणों के नाम सूची से कटने का खतरा

CG News: भूपेश बघेल ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि बस्तर के हजारों ग्रामीणों के नाम सूची से कटने का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ऐसे दस्तावेज मांग रहा है जो अधिकांश बस्तरवासियों के पास मौजूद ही नहीं हैं। सरकार ने प्रक्रिया तो शुरू कर दी, लेकिन न किसी राजनीतिक दल से चर्चा की, न सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह सीधा-सीधा बस्तर के आम ग्रामीणों के अस्तित्व और अधिकारों पर हमला है। जिनके पास दस्तावेज नहीं, उनके नाम काट दिए जाएंगे। यह बहुत गंभीर स्थिति है।