
CG News: स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दंतेवाड़ा से आई एक हार्ट पेशेंट बच्ची का ईकोकार्डियोग्राफी (ईको) टेस्ट नहीं हो सका, क्योंकि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी क्रिकेट मैच खेलने चले गए थे। मजबूरन परिजनों को बच्ची को निजी अस्पताल ले जाना पड़ा।
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर प्रबंधन संबंधी खामियों की ओर इशारा करती है। एक तरफ सरकार बेहतर स्वास्थ सेवा प्रदान करने का दावा करती है, तो दूसरी ओर अस्पतालों में मरीजों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है।
दंतेवाड़ा के एक गांव से हृदय रोग से पीड़ित एक नाबालिग बच्ची को इलाज के लिए मेकाज अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने ईको टेस्ट की सलाह दी, लेकिन विभाग के कर्मचारी और डॉक्टर उस समय अस्पताल में मौजूद नहीं थे। पता चला कि इनमे से कई क्रिकेट मैच में हिस्सा लेने के गए हुए हैं। कुछ देर इंतजार के बाद परिजनों ने बच्ची को निजी अस्पताल ले जाने का फैसला किया।
CG News: अस्पताल के 80 प्रतिशत वार्ड बिना स्टाफ बॉय के थे। मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने में भी दिक्कतें आईं। सूत्रों का कहना है कि मेकाज के पास ही क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था, जिसमें कर्मचारियों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कई मरीजों को दवा और जांच में देरी का सामना करना पड़ा। ऐसे में मरीजों को वार्ड तक शिट करने में मरीज के परिजन ही प्रयास कर रहे थे।
Published on:
09 Mar 2025 12:24 pm
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