
CG Tourism: आकाश मिश्रा. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के बस्तर में पिछले 9 महीने में काफी कुछ बदला है। फोर्स का दबाव लगातार नक्सलियों पर बढ़ रहा है। जिससे नक्सल संगठन कमजोर होता जा रहा है। यह बात खुद नक्सली भी मान रहे हैं। इसी बीच बस्तर के वे पर्यटन केंद्र आबाद होने लगे हैं जहां पहले हर कोई जाने के बारे में नहीं सोच पाता था।
CG Tourism: दंतेवाड़ा जिले में स्थित हांदावाड़ा जल प्रपात और बीजापुर जिले में पडऩे वाला नंबी प्रपात अब एडवेंचर पसंद करने वाले पर्यटकों से आबाद नजर आने लगा है। मानसून के पीक सीजन में भी यहां तक पर्यटक पहुंच रहे थे। स्थानीय ग्रामीण अब इन जगहों पर गाइड की भूमिका में हैं। हालांकि अब भी इन दोनों तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है और भी कई सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ है।
हांदावाड़ा और नंबी प्रदेश के सबसे ऊंचे जल प्रपात हैं। इतनी ऊंचाई सेे गिरने वाले प्रपात पूरे प्रदेश में कहीं पर नहीं हैं। इनके जैसा प्राकृतिक वातावरण भी कहीं नहीं लेकिन यह दोनों प्रपात अब तक पर्यटन मंडल की सूची में शामिल नहीं है। मतलब यह है कि दोनों स्थानों को पर्यटन मंडल ने पर्यटन केंद्र का दर्जा नहीं दिया है।
दंतेवाड़ा जिले में पडऩे वाले फूलपाड़ और झारालावा जल प्रपात भी सालों से उपेक्षित हैं। यहां पहुंचने के लिए भी सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया है। पर्यटन मंडल अगर हांदावाड़ा, नंबी के साथ-साथ फूलपाड़ और झारालावा को पर्यटन केंद्र घोषित कर दे तो दक्षिण बस्तर भी मध्य बस्तर की तरह पर्यटकों से गुलजार हो जाएगा।
बस्तर जिले के धुड़मारास गांव को दो साल पहले तक कोई नहीं जानता था लेकिन कांगेर घाटी उद्यान प्रबंधन ने इस जगह को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया और आज दो साल के भीतर ही यह स्थान देश का श्रेष्ठ पर्यटन ग्राम बनकर राष्ट्रीय पुरस्कार लेने जा रहा है। बस्तर के पर्यटन और प्रकृति प्रेमी कहते हैं कि अगर ऐसे ही प्रयास बाकी पर्यटन केंद्रों के लिए हो तो प्रदेश ही क्या देश में पर्यटन के मामले में बस्तर की तूती बोलेगी।
Updated on:
27 Sept 2024 10:28 am
Published on:
27 Sept 2024 10:27 am
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