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पत्रकार मुकेश चंद्राकर की याद में मिलेगा 50 हजार रुपए का फेलोशिप, पी. साईंनाथ ने की ये बड़ी घोषणा, जानें किसे मिलेगा लाभ?

Journalist Mukesh Chandrakar: ग्रामीण क्षेत्र में उत्कृष्ठ पत्रकारिता करने वाले बस्तर के पत्रकारों को अब हर साल पीपल्स आर्काइव रूरल इंडिया संस्था के माध्यम से पत्रकार स्व. मुकेश चंद्रकार की स्मृति में 50 हजार रुपए की फेलोशिप दी जाएगी।

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पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Photo Patrika)

Journalist Mukesh Chandrakar: बस्तर जिला पत्रकार संघ की ओर से वर्तमान दौर में पत्रकारिता व इससे जुड़ी चुनौती विषय पर परिचर्चा का आयोजन मंगलवार को चेंबर भवन में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता देश के जाने माने पत्रकार पी. साईनाथ नई दिल्ली थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने की।

पी. साईंनाथ ने कहा कि बस्तर के पत्रकार के सामने पुलिस और नक्सली दोनों बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता और मीडिया में जो अंतर है उसे समझने की जरूरत है। पत्रकारिता का औद्योगिकरण जो बीते कुछ सालों में हुआ उसे समझना होगा और उस वजह से बदली पत्रकारिता को भी जानना होगा। अब पत्रकारिता मिशन नहीं मिशन बनकर रह गई है। मीडिया अब एंटरटेनमेंट है। पत्रकारिता में औद्योगिक घरानों का दखल तेजी से बढ़ता गया और पत्रकारिता भी उसी गति से बदलती गई। मीडिया के जरिए वही दिखाया और बताया जा रहा है जो कुछ लोग दिखाना चाहते हैं।

कोविड के वक्त मीडिया कर्मी को संस्थानों से निकाले गए

कोविड के वक्त सरकार ने कहा कि मीडिया इमरजेंसी सेवा होगी लेकिन उसी दौर में सबसे ज्यादा मीडिया कर्मी मीडिया संस्थानों से निकाले गए। जबकि नियम है कि किसी भी इमरजेंसी सेवा के कर्मी को आपात स्थिति में उसके काम से अलग नहीं किया जा सकता। पी. साईंनाथ ने सरकार की ओर से समय-समय पर प्रस्तुत किए जाने वाले आंकड़ों पर भी अपनी बात रखी और बताया कि कैसे सरकारें जो आंकड़े हमारे सामने लाती हैं और उनमें असलियत में कितना अंतर होता है।

इस मौके पर सुरेश रावल, वरिष्ठ, रवि दुबे और राजेंद्र तिवारी मौजूद रहे। नरेश मिश्रा ने पी. साईंनाथ का परिचय दिया और बताया कि वे किस तरह से पिछले साढ़े चार दशक से देश में ग्रामीण पत्रकारिता पर काम कर रहे हैं। उनकी संस्था पीपल्स आर्काइव रूरल इंडिया देश में ग्रामीण क्षेत्र की पत्रकारिता पर लंबे समय से उल्लेखनीय काम कर रही है।

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हर साल दिया जाएगा फेलोशिप

Journalist Mukesh Chandrakar: ग्रामीण क्षेत्र में उत्कृष्ठ पत्रकारिता करने वाले बस्तर के पत्रकारों को अब हर साल पीपल्स आर्काइव रूरल इंडिया संस्था के माध्यम से पत्रकार स्व. मुकेश चंद्रकार की स्मृति में 50 हजार रुपए की फेलोशिप दी जाएगी। यह घोषणा पी. साईंनाथ ने कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने कहा कि बस्तर जिला पत्रकार संघ इसके लिए एक कमेटी बना ले और उसके माध्यम से उत्कृष्ठ रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार को हम फैलोशिप देंगे। मालूम हो कि इसी साल जनवरी में बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्रकार की एक ठेकेदार ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। मुकेश उस ठेकेदार के भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरें बना रहे थे।

बदलते दौर में किन बातों का रखें ध्यान

मनीष गुप्ता ने कार्यक्रम में कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता की जो चुनौतियां हैं उस पर चिंतन करने के लिए हम यहां जुटे हैं। मुकेश चंद्रकार की हत्या ने हमें विचार करने पर विवश किया है। बदलते दौर में हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आज यही जानने का अवसर है। राजेंद्र तिवारी ने कहा कि बैलाडीला की पहाडिय़ों से लोहा निकालकर केंद्र और राज्य सरकार हर साल हजारों करोड़ रुपए कमाती हैं, लेकिन इसके एवज में बस्तर को कुछ खास नहीं मिला। रवि दुबे ने कहा कि मौजूदा परिस्थित के अनुसार लेट-राइट देखकर पत्रकारिता करना चाहिए।