Jagdalpur Railway Station: रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन के इंतजार का सांसद ने बताई ये वजह
सांसद को बताया गया कि जहां तक रेलवे को फायदा है वहां तक लाइन बिछा दी गई है। रावघाट से दल्लीराजहरा तक लौह अयस्क की ढुलाई के लिए काम पूरा हो चुका है। (Jagdalpur Railway Station) इसके आगे
यात्री सेवा देने के लिए रेलवे तैयार नहीं है। इसी वजह से देरी हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में घोषणा करते हुए कहा था कि 2022 तक रेल लाइन जगदलपुर पहुंच जाएगी लेकिन रेलवे के अफसरों ने प्रधानमंत्री के ऐलान पर भी काम आगे नहीं बढ़ाया।
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Indian Railway Board: प्रदेश को रेलवे बोर्ड का बड़ा तोहफा, दो नई रेल लाइन के फाइनल सर्वे को मिली मंजूरी सदस्यों ने कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जगदलपुर को रेल लाइन देने के लिए रेलवे कितना गंभीर है। बताया गया कि मई 2023 में भाजपा (Jagdalpur Railway Station) के प्रतिनिधि मण्डल से मुलाकात में रेल मंत्री ने आश्वासन दिया था और स्वयं ट्वीट भी किया था कि 3 महीने में जगदलपुर तक की लाइन के लिए डीपीआर बनेगा और दोनों ओर से काम होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
माल ढोने वाली लाइन नहीं आई थी तब से रायपुर के लिए जारी है संघर्ष
बस्तर में जब माल परिवहन के लिए किरंदुल-विशाखापट्टनम रेल लाइन नहीं आई थी तब से बस्तरवासी जगदलपुर को रायपुर से रेल मार्ग से जोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। (Jagdalpur Railway Station) कई पीढ़ियों से इसके लिए संघर्ष जारी है। रेल लाइन के लिए हर प्रोसेस की एक तय तारीख मंत्रालय से लें ताकि सिर्फ घोषणाओं का
झुनझुना पकड़ाने का काम बंद हो और क्षेत्र की जनता को मालूम रहे कि किस-किस तारीख को इस रेल लाइन का क्या क्या काम होगा।
Jagdalpur Railway Station: सांसद को यह भी बताया गया कि चार वर्षों में बस्तर रेल आंदोलन के सदस्यों ने क्या किया हैं। 3 वर्ष पूर्व आंदोलन के सदस्यों ने मलकानगिरी जाकर रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को भी स्थिति की पूर्ण जानकारी दी थी। इस बीच ओडिशा में तो सैकड़ों किमी रेल लाइन का काम हो गया लेकिन बस्तर में एक इंच भी नहीं। बस्तर के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों और कब तक जारी रहेगा।