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निकाय क्षेत्र में काम करने वाली टीमों को दिया जा रहा प्रशिक्षण, 5 दिन तक डिजिटल मैपिंग के बारे में जानेंगी टीम

Map Project: यह भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग की केस स्टडीज और भू-स्थानिक भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण में राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करता है।

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5 दिन तक डिजिटल मैपिंग के बारे में जानेंगी टीम (Photo source- Patrika)

5 दिन तक डिजिटल मैपिंग के बारे में जानेंगी टीम (Photo source- Patrika)

Map Project: नक्शा परियोजना के तहत जिला बस्तर के शहरी स्थानीय निकाय में नियुक्त टीमों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार 18 अगस्त को शुरू हो गया है और यह 22 अगस्त तक चलेगा। छत्तीसगढ़ भू-अभिलेख आयुक्त कार्यालय द्वारा नगर निगम जगदलपुर के सभाकक्ष आयोजित उक्त प्रशिक्षण का शुभारंभ महापौर संजय पांडे द्वारा किया गया।

Map Project: कंप्यूटर लैब की भी की गई व्यवस्था

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नक्शा परियोजना के लिए प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिसमें भूमि शासन में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कार्यक्रम में नक्शा कार्यक्रम का परिचय और अवलोकन, सर्वेक्षण की मूल अवधारणाएं, और जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) और एनआरटीके (नेटवर्क रियल-टाइम काइनेमैटिक) सर्वेक्षण का परिचय शामिल है।

राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों के साथ ही नगरीय निकायों के सहायक राजस्व निरीक्षकों को भी यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान फील्ड सर्वे के बाद कंप्यूटर प्रैक्टिकल के लिए कंप्यूटर लैब की भी व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण से यह लाभ मिलेगा: भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोगरू यह भूमि शासन में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर केंद्रित है।

कंप्यूटर लैब कार्य शामिल

Map Project: भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरणरू इसका उद्देश्य शहरी भूमि अभिलेखों को आधुनिक बनाना है। सर्वेक्षण कौशल में वृद्धिरू यह सर्वेक्षण की मूल अवधारणाओं और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम तथा नेटवर्क रियल-टाइम काइनेमैटिक सर्वेक्षण जैसे उन्नत तरीकों का प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह हवाई डेटा अधिग्रहण के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है।

यह परियोजना में शामिल विभिन्न हितधारकों और उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करता है। यह भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग की केस स्टडीज और भू-स्थानिक भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण में राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करता है। इसमें जीएनएसएस और ड्रोन का उपयोग करके फील्ड सर्वे, साथ ही डेटा प्रोसेसिंग और मानचित्र बनाने के लिए कंप्यूटर लैब कार्य शामिल है।