जयपुर। पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने शनिवार को जिस इनामी गैंगस्टर प्रवीण को पकड़ा, वह वर्ष 2001 में झालावाड़ में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ था। हालांकि, उसका पुलिस कॅरियर छोटा रहा। लॉरेंस गैंग के मुख्य शूटर अंकित भादू को शरण देने और कुख्यात आनंदपाल गैंग से सक्रिय रूप से जुड़े होने के कारण प्रवीण को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
इसके बाद वह आनंदपाल सिंह और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करने लगा। वह व्यापारियों के मोबाइल नंबर रोहित गोदारा और वीरेंद्र जैसे गैंगस्टर को उपलब्ध करवाता था। इसके बाद रागैंगस्टर व्यापारियों को धमकी देकर फिरौती वसूलते थे।
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि आरोपी प्रवीण की काफी समय से तलाश थी। पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी शनिवार को चूरू के राजगढ़ रोड पर आने वाला है। इस पर टीम एक्टिव की गई और आरोपी प्रवीण शनिवार को गिरफ्तार किया।
गैंगस्टर प्रवीण के खिलाफ श्रीगंगानगर जिले के थाना जवाहर नगर एवं लालगढ़ में अपराधियों को शरण देने के तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। चूरू पुलिस ने आरोपी प्रवीण सिंह जोड़ी (43) पुत्र भगवान सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। एजीटीएफ टीम ने पूर्व में उसके साथी जितेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर दो एके-47 राइफल, मैगजीन और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे।
पुलिस ने 18 अगस्त, 2024 को चूरू के होटल सनसिटी के कर्मचारी मन्जत अली (35) ने थाना कोतवाली चूरू में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ जान से मारने की नीयत से फायरिंग का मामला दर्ज करवाया था। कर्मचारी के अनुसार 17 अगस्त की रात करीब दस बजे जब वह होटल में था तभी बाइक पर आए हमलावरों ने होटल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमे वह और उसके साथी बच गए। उसके व होटल स्टाफ के शोर मचाने पर हमलावर भाग गए। इस मामले में प्रवीण पर पुलिस ने इनाम घोषित किया था।
Updated on:
22 Jun 2025 08:16 am
Published on:
22 Jun 2025 08:15 am