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Rajasthan: सहकारी समितियां होंगी मजबूत, भजनलाल सरकार ने लिया बड़ा निर्णय; 24 साल पुराने कानून में होगा बदलाव

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सहकारी समितियों को मजबूत करने और उनकी कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

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CM Bhajanlal Sharma

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सहकारी समितियों को मजबूत करने और उनकी कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य सरकार जल्द ही नया सहकारी अधिनियम लाने जा रही है, जो वर्तमान में लागू राजस्थान सहकारिता अधिनियम-2001 की जगह लेगा।

यह नया अधिनियम वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुरूप अधिक प्रासंगिक और प्रभावी होगा। इस कदम का उद्देश्य सहकारी समितियों में प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अनियमितताओं पर नियंत्रण स्थापित करना, व्यवसाय में वृद्धि को बढ़ावा देना और आमजन का सहकारी समितियों पर भरोसा मजबूत करना है।

समिति का हुआ था गठन

इस नए अधिनियम के मसौदे को तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और केरल जैसे सहकारी आंदोलन में अग्रणी राज्यों के सहकारी कानूनों का गहन अध्ययन किया। इसके साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर एक व्यापक 'को-ऑपरेटिव कोड' का मसौदा तैयार किया गया।

इस मसौदे में प्रक्रियाओं के सरलीकरण, अनियमितताओं पर अंकुश, त्वरित निस्तारण, समितियों की व्यावसायिकता को बढ़ावा देने, आपसी सहयोग को सुगम बनाने, प्रबंधन में एकाधिकार को समाप्त करने और लोकतांत्रिक व सदस्योन्मुखी प्रबंधन को प्रोत्साहन देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

जन-जागरूकता को बढ़ावा

नए अधिनियम के प्रावधानों के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार ने 2 से 15 अक्टूबर तक 'सहकार सदस्यता अभियान' शुरू किया है। इस अभियान के तहत लोगों को नए अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है। अब तक तीन लाख 75 हजार से अधिक लोगों को इस प्रस्तावित अधिनियम की विशेषताओं से अवगत कराया जा चुका है। इस अभियान का लक्ष्य सहकारी समितियों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाना और उन्हें सहकारी आंदोलन से जोड़ना है।

सहकारी समितियों में बढ़ेगा विश्वास

नया सहकारी अधिनियम सहकारी समितियों और आमजन के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सरकार का मानना है कि इस अधिनियम के लागू होने से सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और आमजन का इन पर भरोसा और मजबूत होगा। नए कानून में कई ऐसे प्रावधान शामिल किए गए हैं, जो सहकारी समितियों को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएंगे।

नए अधिनियम के प्रमुख प्रावधान

प्रस्तावित अधिनियम में कई नवाचार किए गए हैं। सहकारी समितियों और उनके सदस्यों को अपने उत्पादों को कार्यक्षेत्र से बाहर बेचने की छूट दी जाएगी, जिससे उनकी पहुंच और आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, समितियों को बाजार में प्रतिस्पर्धा करने और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आपसी सहमति पर साझेदारी करने की अनुमति होगी। यह प्रावधान सहकारी समितियों को अधिक लचीला और व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा।