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SMS Hospital Fire : सेफ्टी ऑडिट के लिए मांगे थे 17 लाख, अनुमति मिलती तो नहीं जाती 6 जानें

SMS Hospital Fire : जयपुर के एसएमएस अस्पताल में है सुस्ती का संक्रमण। इस सुस्ती की वजह से एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर की आग में छह लोगों की मौत हो गई। ताज्जुब की बात है अस्पताल प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी थी, लेकिन इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट के लिए प्रशासन कोई तेजी नहीं दिखाई। पढ़ें रिपोर्ट।

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Jaipur SMS Hospital Fire 17 lakh was demanded for safety audit if permission was granted then not 6 Death

सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर। फाइल फोटो पत्रिका

SMS Hospital Fire : सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर के ट्रोमा सेंटर में हुए अग्निकांड के जिम्मेदार, जैसे किसी बड़े हादसे के होने का ही इंतजार कर रहे थे। प्रबंधन को मरीजों की जान से ज्यादा अस्पताल की इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट के लिए 17 लाख रुपए का खर्च लगा। यही वजह थी कि जून महीने में सार्वजनिक निर्माण विभाग की इलेक्ट्रिक विंग ने ट्रोमा समेत पूरे अस्पताल की इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट के लिए 17 लाख रुपए का बजट अस्पताल प्रबंधन से मांगा, लेकिन प्रबंधन चुप्पी साध गया।

बढ़ते बिजली लोड से हो रही थी बिजली गुल

जानकारी में आया है कि मई-जून की गर्मी में अस्पताल के कई हिस्सों में बढ़ते बिजली लोड के कारण बिजली गुल हुई। सार्वजनिक निर्माण विभाग की इंजीनियरिंग विंग ने तभी अंदाजा लगा लिया था कि अस्पताल के बिजली तंत्र की इलेक्ट्रिक ऑडिट कराना जरूरी है, जिससे शॉट सर्किट होने जैसी किसी बड़ी घटना से बचा जा सके।

ये सभी तथ्य एफएसएल जांच रिपोर्ट में आए सामने

इस संबंध में जून और अगस्त माह में प्रशासन को आडिट के लिए एस्टिमेट बनाकर पत्र भेजा गया था। विंग चाहती थी कि अस्पताल पर बढ़ते बिजली लोड के कारण बिजली तंत्र भी कमजोर साबित हो रहा है और इसमें सुधार होना जरूरी है। ये सभी तथ्य एफएसएल जांच रिपोर्ट में भी सामने आए हैं।

सिस्टम था 16 साल पुराना

जून में इंजीनियरों के मन में जो आशंका थी वह ट्रोमा सेंटर में हुए अग्निकांड से सच साबित हो गई। सेंटर का बिजली सिस्टम 16 साल पुराना हो चुका था। बिजली तंत्र बढ़ते लोड से चरमरा रहा था। आईसीयू में लगे इलेक्ट्रिक स्विच की वायरिंग लोड के कारण तप रही थी। इसके कारण शॉर्ट सर्किट हुआ।