
Scientist Dibyendu Chakrabarty (Patrika Photo)
Chandrayaan-4: जयपुर: मिशन चंदयान-4 वर्ष 2028-29 तक लांच होने की उम्मीद है। इसे हम सैंपल रिटर्न मिशन भी कहते हैं। जो चंद्रमा की सतह पर जाएगा, बल्कि वहां से सैंपल वापस लाने की ट्रिप भी होगी। यह देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इस मिशन में मैं भी शामिल हूं। ये हमारे लिए बहुत अलग किस्म का चैलेंज है। यह कहना है साइंटिस्ट प्रो. दिब्येंदु चक्रबर्ती का।
बता दें कि वे वर्तमान में अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (पीआरएल) में कार्यरत हैं। मिशन ‘आदित्य एल1’ में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर रहे प्रो. दिब्येंदु चक्रबर्ती ने कहा कि वे वर्तमान में इसरो के ‘दिशा’ मिशन पर भी काम कर रहे हैं। साइंटिस्ट को पता होता है कि उनकी एक गलती पूरे मिशन को नीचे ला सकती है।
उन्होंने कहा कि हमारी रिव्यू कमेटी एक-एक चीज का डीपली रिव्यू करती है। उन्होंने कहा कि मिशन चंद्रयान-4 वर्ष 2028-29 तक ऑफिशियल लांच होना है। हालांकि, घोषणा नहीं हुई है। चक्रबर्ती ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की सोच के साथ कोशिश करते हैं कि सभी इंस्ट्रूमेंट देश में ही बनें। गुलाबी नगर में आयोजित एक सिंपोजियम में शामिल साइंटिस्ट प्रो. दिब्येंदु चक्रबर्ती से खास बातचीत के अंश…
जवाब: मिशन के दौरान हर एक दिन हमारे लिए चैलेंजिंग था। ये वर्ष 2020 में लांच होना था, लेकिन कोराना के कारण वर्ष 2023 में लांच हुआ। मिशन में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर की भूमिका में रहा। आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित सौर मिशन है।
जवाब: वर्ष 2035 तक भारत खुद का स्पेस स्टेशन बनाना चाहता है। इसे ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ नाम दिया जा सकता है। वहीं, शुक्र ग्रह पर जाने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी। इसके अलावा देश के वैज्ञानिक अन्य कई मिशनों पर भी काम कर रहे हैं।
जवाब: मिशन के दौरान टाइम देखकर काम नहीं करते थे। कभी हमने 20 घंटे तक काम किया। सिर्फ सोने के लिए घर जाते थे। कभी लैब में ही सो जाते थे। फैमिली ने बहुत सपोर्ट किया। इस मिशन से करीब 11-12 वर्ष से जुड़ा रहा।
जवाब: हां बिलकुल, आज लोगों के पास स्मार्ट फोन हैं। यदि स्पेस टेक्नोलॉजी काम नहीं करेगी तो लोगों का फोन चलेगा ही नहीं। यदि कोई हवाई जहाज में ट्रैवल करता है तो उसमें भी स्पेस टेक्नोलॉजी का रोल होता है।
जवाब: मैं अभी और ऐसा कुछ करना चाहता हूं, जो देश के काम में आए। मुझे जो भी काम दिया जाएगा, उसे अच्छे तरीके से और जिम्मेदारी से करूंगा। साथ ही साइंटिस्ट के रूप में लोगों की लाइफ में सकारात्मक रूप से फर्क करना चाहता हूं।
जवाब: मुझे अल्बर्ट आइंस्टीन, मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम आदि बहुत पसंद हैं। मैं अपना आइडल अमरीका के साइंटिस्ट रिचर्ड फेनमैन को मानता हूं। साथ ही हमारे सिस्टम में कई वैज्ञानिकों को भी अपना आइडल मानता हूं।
जवाब: ये बहुत चैलेंजिंग फील्ड है। हर दिन फिसलने का चांस रहता है और सफलता कई वर्षों में नजर आती है। युवाओं को मैसेज देना चाहूंगा कि वे जुनून और उत्साह के साथ काम करें। साथ ही इनोवेशन की तरफ ध्यान दें।
Updated on:
10 Sept 2025 09:58 am
Published on:
10 Sept 2025 09:19 am
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