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Diggi Kalyandhani Lakhi Padyatra : डिग्गी की राह में गड्ढे ही गड्ढे, श्रद्धा की राह में सड़कें बनीं परीक्षा, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Diggi Kalyandhani 60th Lakhi Padyatra : डिग्गी कल्याणधणी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना होगी। पर इस बड़ी धार्मिक पदयात्रा में सड़क छलनी हैं। गड्ढों की कोई गिनती नहीं है। लेकिन डिग्गी वाले भक्तों का कारवां फिर भी तैयार है। पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट।

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Diggi Kalyandhani Lakhi Padyatra 31 July There are potholes on way to Diggi roads on way to Shraddha become a test Jaipur

मुहान मंड़ी रोड़ से पहले। फोटो हर्षित जैन, अनुग्रह सोलोमन

हर्षित जैन/अनुग्रह सोलोमन
Diggi Kalyandhani 60th Lakhi Padyatra :
श्रद्धा जब पग पकड़ती है, तो राह की कठिनाइयां भी पुण्य बन जाती है। डिग्गी कल्याणधणी की लक्खी पदयात्रा एक ऐसा ही विराट भाव है, जहां लाखों श्रद्धालु नंगे पांव उस दरबार की ओर बढ़ते है, जहां हर साल आस्था का सैलाब उमड़ता है। लेकिन इस बार की राह सिर्फ लम्बी नहीं, छलनी सड़कों और जलभराव के बीच पीड़ा की कसौटी भी हैं। छाले पड़ने से पहले ही पैरों को घायल कर सकती है टूट चुकी सड़कें, और सवाल कर रही हैं, क्या श्रद्धालुओं की यह राह प्रशासन के लिए अब भी अदृश्य है? राजस्थान की सबसे बड़ी धार्मिक पदयात्राओं में से एक, डिग्गी कल्याणधणी की 60वीं लक्खी पदयात्रा 31 जुलाई को चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना होगी।

पदयात्रियों के लिए रास्तों की की पड़ताल

राजस्थान पत्रिका की टीम ने सांगानेर से रेनवाल तक लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय कर पदयात्रियों के लिए रास्तों की पड़ताल की। सड़कें जगह-जगह से टूटी हुई मिली, कहीं नुकीले पत्थरों की भरमार थी, तो कहीं जलभराव के कारण फिसलन का खतरा बना हुआ था। सांगानेर, गुर्जरों की तलाई, शिकारपुरा रोड और मानपुरा क्षेत्र में सड़कें इतनी जर्जर है कि नंगे पांव चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए छाले आम बात हो सकती है।

पदयात्रा में उमड़ेगा आस्था का सैलाब

हर वर्ष की तरह इस बार भी करीब दस लाख श्रद्धालु डिग्गी कल्याणधणी के दर्शन के लिए पदयात्रा में शामिल होंगे। लेकिन उनके सामने आस्था के साथ ही सड़कों की यह कठिन परीक्षा भी होगी।

प्रशासन मौन, खतरा बरकरार

जयपुर से भीलवाड़ा तक बने इस मेगा हाईवे की जिम्मेदारी राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (आरएसआरडीसी) के पास है। टोल वसूली के बावजूद सड़क की मरम्मत नहीं की गई है। कई ग्रामीण हिस्सों में तो श्रद्धालुओं को पगडंडी के रास्तों से गुजरना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जलभराव की स्थिति में गड्‌ढ़ों का अंदाजा नहीं लग पाने से बड़ा हादसा हो सकता है।

श्रद्धा की राह में सड़कें बनीं परीक्षा

डिग्गी कल्याणधणी की यह पदयात्रा जयपुर के सांगानेर से प्रारंभ होकर टोंक जिले के डिग्गी गांव तक पहुंचती है। 80 किलोमीटर के इस मार्ग में श्रद्धालु टोंक, दौसा अजमेर, नागौर, सवाई माधोपुर और सीकर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से शामिल होंगे। लेकिन यात्रा की शुरुआत से ही खराब सड़कों की वजह से श्रद्धालुओं को कई जगह असुविधा का सामना करना पड़‌ता है।