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जयपुर में बिना लाइसेंस नहीं चलेंगे ई-रिक्शा, इलाकों के हिसाब से होगा अलग रंग, दूसरे क्षेत्र में गए तो होगा चालान

locationजयपुरPublished: Sep 17, 2019 05:56:34 pm

चार साल बाद अब ई रिक्शा के बनेंगे लाइसेंस, परिवहन विभाग ने शुरू किया सॉफ्टवेयर में संशोधन, अगले सप्ताह शुरू हो जाएंगे लाइसेंस बनना, 15 हजार ई रिक्शा चालकों को मिलेगी राहत, मेट्रो को मिलेंगे यात्री
 
 

E rickshaw

जयपुर में बिना लाइसेंस नहीं चलेंगे ई-रिक्शा, इलाकों के हिसाब से होगा अलग रंग, दूसरे क्षेत्र में गए तो होगा चालान

विजय शर्मा / जयपुर। आठ जोन में ई रिक्शा ( E rickshaw ) संचालन के आदेश के बाद 15 हजार ई रिक्शा चालकों को राहत मिली है। परिवहन विभाग ( Transport Department ) जयपुर में ई रिक्शा के लाइसेंस ( Licence ) बनाने प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इसके लिए सॉफ्टवेयर में संशोधन का काम शुरू कर दिया गया है। अगले सप्ताह तक लाइसेंस बनना शुरू हो जाएंगे। शहर में गत चार सालों से ई रिक्शा चल रहे हैं। सॉफ्टवेयर में खामियां होने के कारण लाइसेंस नहीं बनाए जा रहे थे। शहर में 2015 मेें ई रिक्शा शुरू तो कर दिए गए, लेकिन इसके संचालन के लिए गाइडलाइन तैयार नहीं की थी। ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड ( Traffic Control Board ) ने अब ई रिक्शा को शहर के आठ जोन में विभाजित कर संचालित करने का फैसला लिया गया है।
जनता के लिए ये दो फायदे

1- जयपुर में आठ जोन में तीन हजार ई रिक्शा शुरू होने से रोज करीब 10 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। लोगों को अलग-अलग इलाकों में ही आवागमन के साधन घर से निकलते ही मिल जाएंगे। राजधानी में फिलहाल कई कॉलोनियां ऐसी हैं जहां मुख्य सड़क तक आने के लिए साधन नहीं है। लो-फ्लोर बंद हो चुकी हैं। ऐसे में लोग या तो पैदल आते हैं, या फिर ऑटो किराए पर लेते हैं। ई रिक्शा के चलने से लोग मुख्य सड़क पर कम किराए में आसानी से पहुंच सकेंगे।
2- दूसरा फायदा यह है कि लोग जयपुर मेट्रो ( Jaipur Metro ) स्टेशन तक भी आसानी से पहुंच सकेंगे। रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस, परकोटा, सोडाला, मानसरोवर, न्यू सांगानेर रोड, सिंधी कैंप के आस-पास इलाकों में रहने वाले लोग नजदीकी मेट्रो स्टेशन ई रिक्शा के जरिए पहुंच सकेंगे। इससे मेट्रो में आवाजाही बढ़ेगी।

हर इलाके का अलग रंग

ई रिक्शा संचालन के लिए आठ जोन बनाने के बाद आरटीओ ( RTO ) में अब रंग को लेकर भी कवायद चल रही है। हर जोन का अलग-अलग रंग निर्धारित किया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि एक जोन से दूसरे जोन में ई रिक्शा संचालित नहीं होंगे। इनकी पहचान हो सकेगी। ऐसा पाए जाने पर यातायात पुलिस ( Traffic Police ) चालान ( Challan ) करेगी।

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