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नकली नोटों का गढ़ बनता राजस्थान! दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर, RBI तक पहुंचे जाली नोट — त्योहारी सीजन में रहें सावधान, ऐसे करें करेंसी की पहचान

Rajasthan News: सबसे ज्यादा नकली नोट ₹100 और ₹500 के मूल्यवर्ग में मिले हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर - पत्रिका

राजस्थान में नकली नोटों का जाल अब गहराई तक फैल चुका है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, नकली नोटों के मामलों में राजस्थान देशभर में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। बीते एक साल में प्रदेश से 38,087 नकली नोट जब्त हुए हैं, जिनकी कीमत करीब 1.9 करोड़ रुपए आंकी गई है। सबसे ज्यादा नकली नोट ₹100 और ₹500 के मूल्यवर्ग में मिले हैं।

दिल्ली के बाद दूसरा नंबर राजस्थान का

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा नकली नोट दिल्ली में पकड़े गए हैं। वहीं असम और उत्तर प्रदेश क्रमशः तीसरे और चौथे नंबर पर हैं। असम से 37,240 और यूपी से 12,068 नकली नोट जब्त किए गए। आर्थिक जानकारों का कहना है कि नकली नोटों का ये नेटवर्क अब उत्तर भारत के छोटे कस्बों तक पहुंच चुका है।

आरबीआई तक पहुंच गए जाली नोट

राजस्थान में नकली नोटों का खतरा अब बैंकों और आरबीआई तक पहुंच चुका है। हाल ही में जयपुर के गांधीनगर थाने में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुकदमा दर्ज करवाया, जब उनकी तिजोरी से ही जाली नोट बरामद हुए। यह घटना वित्तीय व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। बीकानेर, जयपुर और कोटा जैसे जिलों में भी समय-समय पर इसी तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं।

ऑर्डर पर चल रही थी नकली करेंसी फैक्ट्री

दो दिन पहले ही झालावाड़ पुलिस ने एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया, जो घर में ही नकली नोट छाप रहे थे। पुलिस को यह जानकारी चंडीगढ़ पुलिस से मिली थी। आरोपियों के पास से ₹12 लाख से अधिक के जाली नोट बरामद हुए हैं। जांच में सामने आया है कि आरोपी ऑर्डर मिलने पर चंडीगढ़, जयपुर और दिल्ली में सप्लाई करते थे।

बैंकों तक पहुंच रही जाली करेंसी

बीकानेर और जयपुर की बैंकों में जमा नकली नोटों के मामले भी बढ़ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, बीकानेर की एक बैंक की तिजोरी से हजारों जाली नोट मिले। विशेषज्ञों का कहना है कि नकली नोट आमजन का विश्वास तोड़ते हैं और डिजिटल लेनदेन पर भी असर डालते हैं।

त्योहारी सीजन में ऐसे पहचानें नकली नोट

जालसाज अक्सर त्योहारी मौसम में नकली करेंसी बाजार में फैलाते हैं। इसलिए कुछ आसान जांचें अपनाकर आप खुद को बचा सकते हैं:
महात्मा गांधी का वॉटरमार्क देखें — नोट को रोशनी में रखने पर गांधी जी की छवि और मूल्यवर्ग साफ दिखना चाहिए।
सुरक्षा धागा (Security Thread) — असली नोट में धागा टूटे-फूटे से दिखता है, लेकिन झुकाने पर लगातार “भारत” और “RBI” लिखा नजर आता है।
स्याही और छपाई की गुणवत्ता — असली नोट में छपाई साफ और धारदार होती है, नकली नोट में रंग उड़ता या धुंधला दिखता है।
सीरियल नंबर — हर नोट पर अंक एक समान फ़ॉन्ट में होते हैं। असमान या टेढ़े-मेढ़े अंक नकली होने का संकेत हैं।
माइक्रो-लेटरिंग — आवर्धक कांच से देखने पर गांधी जी की तस्वीर और धागे के बीच “RBI” और मूल्यवर्ग लिखा दिखना चाहिए।
देवनागरी अंक और भाषाएँ — पीछे की तरफ 15 भाषाओं में मूल्य लिखा होता है। नकली नोटों में अक्सर गलत फ़ॉन्ट या ग़लत वर्तनी होती है।
उभरी हुई छपाई (Intaglio Printing) — असली नोट को छूने पर गांधी जी की तस्वीर और अशोक स्तंभ का उभार महसूस होता है।

अगर नकली नोट मिले तो क्या करें?

इसका इस्तेमाल न करें — भारतीय दंड संहिता की धारा 489C के तहत यह अपराध है।
बैंक या पुलिस को तुरंत सूचना दें। अगर एटीएम से मिला है, तो रसीद और नोट लेकर बैंक में जमा करें — बैंक जांच के बाद नया नोट जारी करेगा। नकली नोट छिपाने या आगे बढ़ाने की कोशिश न करें, अन्यथा सज़ा या भारी जुर्माना हो सकता है।

राजस्थान में नकली नोटों का नेटवर्क अब बैंकों से लेकर घरों तक फैल चुका है। इस त्योहारी सीजन में सावधान रहें, हर नोट को ध्यान से जांचें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या बैंक को दें। जागरूकता ही नकली करेंसी से बचाव का सबसे मजबूत हथियार है।