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Fastag Parking : दिल्ली की तर्ज पर जयपुर में भी फास्टैग पार्किंग शुरू, नई व्यवस्था के ये होंगे फायदे

Fastag Parking : दिल्ली की तर्ज पर अब गुलाबी नगर जयपुर में भी फास्टैग पार्किंग का सिस्टम शुरू हो गया है। नई व्यवस्था के ये होंगे फायदे।

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Fasttag Parking Started in Jaipur on lines of Delhi These will be benefits of new system

दिल्ली की तर्ज पर अब जयपुर में भी फास्टैग पार्किंग का सिस्टम शुरू। पत्रिका फोटो

Fastag Parking : अब गुलाबी नगर जयपुर में भी दिल्ली की तरह फास्टैग पार्किंग का सिस्टम शुरू हो गया है। अब मॉल्स में वाहन लेकर जाने पर न तो नकद पैसे देने होंगे और न ही क्यूआर कोड स्कैन करना पड़ेगा। कार पर लगे फास्टैग को सिस्टम स्कैन करता है और शुल्क कटते ही बेरियर खुल जाता है। मालवीय नगर पुलिया के पास एक मॉल सहित कुछ अन्य मॉल्स में यह नवाचार शुरू किया गया है। प्रवेश पर शुल्क नहीं लिया जाता, केवल बाहर निकलते समय कैमरा फास्टैग स्कैन करके शुल्क कटता है।

शहर के बड़े मॉल्स में जल्द होगी व्यवस्था

विशेषज्ञों के अनुसार, अगले छह से आठ माह में जयपुर शहर के कई बड़े मॉल्स में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। फिलहाल, अजमेर रोड और वैशाली नगर में फास्टैग सिस्टम से चार पहिया वाहनों का शुल्क वसूला जा रहा है। इस सिस्टम को विकसित करने में 5 से 7 लाख रुपए का खर्च आता है।

दो-पहिया वाहन चालकों के लिए भी सुविधा

पार्किंग में दो पहिया वाहन चालकों के लिए भी पॉश मशीन लगाई गई है। वाहन लेकर आने पर पर्ची दी जाती है, जिस पर समय और वाहन संख्या अंकित होती है। बाहर निकलते समय इसका शुल्क वसूला जाता है।

भूमिगत पार्किंग में कर सकते हैं शुरू

रामनिवास बाग
जयपुरिया अस्पताल
सवाई मानसिंह अस्पताल
चौगान स्टेडियम
सूरजपोल अनाज मंडी

सरकारी पार्किंग में लागू होने पर होगा लाभ

जयपुर नगर निगम, राजस्थान आवासन मंडल और सरकारी अस्पतालों की पार्किंग में यह सिस्टम लागू हो जाए, तो अवैध वसूली पर अंकुश लगेगा और लोगों को अतिरिक्त पैसे नहीं देने पड़ेंगे। फिलहाल, निगम राजस्व शाखा के अधिकारी इस मामले में कम रुचि दिखाते हैं।

नई व्यवस्था के ये होंगे फायदे

अवैध वसूली पर रोक : डिजिटल टाइम-ट्रैकिंग से मनमाने शुल्क वसूली की संभावना खत्म होगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही : वाहन के प्रवेश और निकास समय का रिकॉर्ड होने से शुल्क तय करना आसान होगा।
नागरिक सुविधा : स्वचालित कटौती से लंबी कतारें और विवाद कम होंगे।
राजस्व में वृद्धि : सही शुल्क वसूली से नगर निगम को वास्तविक आय मिलेगी।