राजस्थान में इस बार प्रदेश के सात विधायकों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा। जिसमें से पांच विधायकों ने जीत दर्ज की। इन पांच विधायकों में से सासंद बने चार विधायकों ने विधायिकी से इस्तीफा दे दिया है। जबकि खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है। साथ ही वे विधायक कोष से एक साथ 5 करोड़ के विकास कार्यों की अनुशंषा कर चुके है। ऐसे में उपचुनाव के बाद नए विधायक को सिर्फ विधायकी ही नसीब होगी, बजट नहीं।
राजस्थान नागौर से नवनिर्वाचित सांसद हनुमान बेनीवाल ने सियासी लिहाज से विधानसभा उपचुनाव से पहले डबल गेम खेल दिया है। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने से पहले विधायक कोष से पांच करोड़ के कार्यों की एक साथ अनुशंषा कर दी है। जिससे नए विधायक को पद का लाभ तो होगा। लेकिन बजट के मामले में 'ठन-ठन गोपाल' जैसी स्थिति होगी।
इससे सांसद हनुमान बेनीवाल को दो बड़े लाभ होने वाले है। अगर खींवसर उपचुनाव में उनके स्थान पर कोई करीबी चुनाव लड़ता है तो जनता का समर्थन हासिल हो सकता है। क्योंकि बेनीवाल ने विधायक कोष से एक साथ 5 करोड़ के विकास कार्यों की अनुशंसा कर दी है। वहीं अगर कोई अन्य जीत हासिल करता है तो हनुमान बेनीवाल जनता का काम नहीं होने पर सरकार पर हमला बोलने से नहीं चूकेंगे।
Updated on:
16 Jun 2024 02:16 pm
Published on:
16 Jun 2024 02:07 pm