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Heavy Rain: राजस्थान में यहां ‘बाढ़’ जैसे हालात… कल इन 2 जिलों में भयंकर बारिश! गाइडलाइन जारी, स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी घोषित

Rajasthan Weather Report: राजस्थान के दो जिलों में IMD ने रेड अलर्ट जारी किया है।

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Photo- Patrika Network

Rajasthan Rain Alert: राजस्थान में मानसून (Rajasthan Monsoon) सक्रिय होने से कई जिलों में जमकर बारिश देखने को मिल रही है। सवाई माधोपुर में बाढ़ (Flood in Sawai Madhopur) हालात उत्पन्न हो गए हैं। कृषि व आपदा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने जिले में गाइडलाइन जारी की है। कलेक्टर और शिक्षा विभाग ने एलकेजी से 12वीं तक के सभी स्कूलों की छुट्टी कर दी है।

वहीं, कोटा में मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन ने आज 22 अगस्त और कल 23 अगस्त को भी जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।

2 जिलों में रेड अलर्ट घोषित

मौसम विभाग के अनुसार, आगामी एक सप्ताह राज्य के अधिकांश भागों में मानसून पुनः सक्रिय होने की प्रबल संभावना है। दक्षिणी व दक्षिण-पूर्वी भागों में कहीं-कहीं भारी, अतिभारी बारिश आगामी 3-4 दिन दर्ज होने व शेष अधिकांश भागों में मध्यम से तेज बारिश होने की संभावना है।

साथ ही विभाग ने 22 अगस्त के लिए कोटा-बूंदी जिले व 23 अगस्त को भीलवाड़ा-चितौड़गढ़ में रेड अलर्ट (IMD Red Alert) जारी किया है। इन क्षेत्रों में अत्यंत भारी बारिश (Heavy Rain in Rajasthan) होने की प्रबल संभावना जताई है।

आपदा मंत्री ने जारी की गाइडलाइन

सवाई माधोपुर में लगातार बारिश को देखते हुए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा कि 'प्रदेश एवं सवाई माधोपुर जिले में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। मेरा आप सभी से निवेदन है कि- सतर्क रहें और सुरक्षित स्थान पर रहें। पानी से दूरी बनाए रखें। अनावश्यक बाहर न निकलें।'

उन्होंने आगे लिखा कि 'प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना करें और सुरक्षित रहें। राजस्थान सरकार एवं जिला प्रशासन आपके साथ है। आपदा प्रबंधन के अधिकारियों व सवाई माधोपुर के जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।'

तेज बारिश से कॉलोनियां जलमग्न

सवाई माधोपुर में देर रात से चल रही बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात हो गए है। अत्यधिक बारिश से 6 से ज्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया है। लोग बचने के लिए घर की छतों पर चढ़ गए। बताया जा रहा है कि कुशालीदर्रा स्थित नेशनल हाईवे 552 पर तेज बहाव में कार बह गई। हादसे में इंदौर के युवक की मौत हो गई। उधर, तेज बारिश के चलते पटरियां डूब गई। ऐसे में जयपुर-दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हुई है। इस दौरान तीन ट्रेनों को स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया।

पानी बह गई वोट, सरपंच लापता

जिले में बारिश के दौरान सूरवाल बांध से ओवरफ्लो होने से तेज बहाव में एक वोट बह गई। जिसमें बहता देख वोट चालक कूद गया। इस दौरान नाव में करीब दस लोग सवार थे। ग्रामीण दीपक मीणा के अनुसार, इनमें से वोट के सहारे तीन लोग किनारे आ गए, जिन्हे ग्रामीणों ने बचा लिया। एक युवक पानी के बीच में लकड़ी के बंबू के सहारे अटका हुआ है। अन्य लोग अभी तक लापता है। इनमें सुनारी के पूर्व सरपंच रतनलाल मीणा का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

कोटा में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

कोटा में पिछले 2 दिनों से रुक-रूककर लगातार हो रही भारी बारिश (Kota Heavy Rain) ने हालात को चिंताजनक बना दिया है। गुरुवार से जारी मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर की कई कॉलोनियों, बाजारों और बस्तियों में पानी घुस गया है। मुख्य सड़क पर 3-4 फीट तक पानी बह रहा है, जिससे यातायात पूरी तरह बंद है। सिविल डिफेंस और प्रशासन की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

कोटा-बैराज के गेट खोले जाने के आसार

कोटा बैराज लबालब भर चुका है, जिससे चंबल की दोनों नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है। राणा प्रताप सागर बांध से 600 क्यूसेक और जवाहर सागर से 3000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। चेचट के ताकली बांध का एक गेट खोल दिया गया है। गुढ़ा बांध से भी प्रति सैकंड 3600 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

मंत्री ने बारिश प्रभावित गांवों का किया दौरा

कोटा जिले सुल्तानपुर में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर अतिवृष्टि से प्रभावित गांवों में पहुंचे। मंत्री नागर ने ट्रेक्टर पर बैठकर दीगोद और डूंगरज्या समेत विभिन्न गांवों का दौरा किया। इस दौरान जिला कलेक्टर, जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, प्रधान जयवीर सिंह, एसपी, तहसीलदार, एसडीएम समेत विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।

लोगों का सेना ने किया रेस्क्यू

मंत्री नागर ने जल निकासी के व्यापक बंदोबस्त करने के निर्देश दिए। निचली बस्तियों से लोगों को रेस्क्यू कर उचित स्थान पर भेजने के लिए कहा। उन्होंने बाढ़ग्रस्त इलाकों में राशन आदि पहुंचाने के लिए प्रशासन को कहा है। इस दौरान सेना को भी निमोदा में फंसे लोगों को रेस्क्यू के लिए उतारा गया है। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें में भी लगी हुई हैं।