
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर मेडिकल कॉलेजों एवं संबद्ध अस्पतालों का निरीक्षण कर लौटी टीमों से सोमवार को चर्चा करते हुए। फोटो-पत्रिका।
Healthcare Reforms: जयपुर। राजस्थान सरकार अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं करेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने स्पष्ट कहा है कि अस्पतालों का अब नियमित निरीक्षण किया जाएगा और निरीक्षण में सामने आई खामियों को समय पर नहीं सुधारने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर में निरीक्षण टीमों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मंत्री खींवसर ने कहा कि अस्पतालों को घर जैसा और रोगियों की सेवा को परिवार जैसे भाव से किया जाए। उन्होंने कहा कि "रोगी को नया जीवन देना सबसे बड़ा पुण्य है," इसलिए चिकित्सा कर्मियों को संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करना होगा।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि 33 टीमों के 150 अधिकारियों ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों और उनके अस्पतालों में सघन निरीक्षण किया। इन निरीक्षणों में साफ-सफाई, उपकरणों की स्थिति, भवनों की मरम्मत, दवा और उपचार सेवाओं का गहन मूल्यांकन किया गया। तैयार रिपोर्ट के आधार पर जल्द सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया कि अस्पताल परिसरों की स्वच्छता, आवश्यक मरम्मत, चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता, रोगी सुविधाएं, सुरक्षा, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, बिजली-पानी जैसी बुनियादी सेवाओं और अग्निशमन उपकरणों की स्थिति का विशेष ध्यान रखा गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार के तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) से एमओयू कर मरम्मत कार्यों की जिम्मेदारी उसे सौंपी है। अब प्रत्येक अस्पताल में 24 घंटे मरम्मत सेवाएं देने वाली पीडब्ल्यूडी चौकी स्थापित की जा रही है। शौचालयों की सफाई की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को दी गई है, वहीं अस्पतालों की सुरक्षा के लिए CISF को जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया भी जारी है।
अतिरिक्त निदेशक नरेश गोयल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने अस्पतालों की मरम्मत के लिए 84 करोड़ रुपए की आवश्यकता जताई थी, जिसमें से 44 करोड़ रुपए की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। प्रदेश के 81 अस्पतालों में से 29 में मरम्मत चौकियों के लिए स्थान आवंटित कर दिए गए हैं और शेष में जल्द ही कार्यवाही पूरी की जाएगी।
प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि अस्पताल सिर्फ इलाज का केंद्र न होकर, मरीजों को सम्मान, संवेदना और उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले 'पेशेंटफ्रेंडली' संस्थान बनें। इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है।
Updated on:
02 Jun 2025 10:23 pm
Published on:
02 Jun 2025 10:22 pm
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