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चंद मिनटों में फिर बदल गए पेट्रोल-डीज़ल के दाम, काफूर हुई ख़ुशी- अब लगा ज़बरदस्त झटका, पढ़ें चौंकाने वाली खबर

locationजयपुरPublished: May 30, 2018 12:13:00 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

Petrol Diesel Revised Prise: चंद मिनटों में फिर बदल गए पेट्रोल-डीज़ल के दाम

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पेट्रोल की जगह गाडिय़ों में पानी भरने का के केस सामने आए हैं।

जयपुर।

शायद इससे पहले इतना बड़ा मज़ाक देश की जनता के साथ नहीं हुआ होगा। पेट्रोल-डीज़ल के लगातार बढ़ रहे दामों में ब्रेक लगने की खुशखबरी के चंद मिनटों बाद ज़बरदस्त झटका देने वाली खबर आई है। पहले बताया गया था कि पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में 16 दिन से लगातार जारी बढ़ोत्तरी पर ब्रेक लगा। दोनों ईंधन के दामों में 16 दिन तक निरंतर वृद्धि के बाद बुधवार को पेट्रोल 60 पैसे और डीजल 56 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ। लेकिन कुछ ही देर बाद इन दोनों ही ईंधन के महज़ एक-एक पैसे प्रति लीटर की कमी की बात सामने आई। आखिर में ये गफलत कहां से शुरू हुई और किस स्तर से लापरवाही रही ये सामने आना बाकी है।
ये रहे गफलत के कारण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईओसी की आधिकारिक वेबसाइट पर सबसे पहले कटौती के बाद की नई दर जारी हुई थी। लेकिन बाद में इसे लेकर सफाई दी गई। बताया गया कि ये तकनीकी कारणों से गफलत हुई है।
राजस्थान में देखा गया असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि से विपक्ष के निशाने पर रही नरेन्द्र मोदी सरकार ने दोनों ईंधनों की कीमत में ब्रेक तो लगाए लेकिन दोनों ईंधन की कीमत में महज़ एक-एक पैसे ही सस्ता किया गया है। इस पर प्रदेश के लोगों में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है।
जयपुर के वैशाली नगर निवासी अभय कुमार का कहना है कि इससे बड़ा मज़ाक देश की जनता के साथ नहीं हो सकता। पहले दाम कर वह-वही लूटी जाती है फिर तुरंत नए बदलाव आकर झटका दे जाते हैं। वहीं मालवीय नगर निवासी साक्षी का कहना है कि इस तरह की गफलत पैदा करने वाले ज़िम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
11 जून को हाड़ौती बंद की भी दी थी चेतावनी
पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम पर अंकुश की मांग को लेकर यातायात महासंघ के बैनर तले ट्रक, बस, मिनी बस मालिकों ने 11 जून को हाड़ौती बंद करने की चेतावनी दी थी। यही नहीं ये भी चेताया गया था कि फिर भी मांगे नहीं मानी जातीं तो राजस्थान बंद किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट कम्पनी एसोसिएशन, कोटा ट्रक यूनियन, बूंदी व बारां की ट्रक यूनियनों के अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के नाम एडीएम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा था।
सवालों पर घिरते रहे मंत्री
हाल ही में केन्द्र में भाजपा सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर उपलब्धि बताने आए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने को लेकर पूृछे गए सवालों पर घिर गए थे। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर भाजपा ने विरोध किया था, इसकी याद दिलाने पर उन्होंने कह दिया ‘मुझे इसका पता नहीं है। चतुर्वेदी ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर कहा कि यह सरकार के हाथ में नहीं है। अब तेल उत्पाद देश (ओपेक) और अन्तरराष्ट्रीय बाजार से पेट्रोल-डीजल की दरें तय होती है।
फिर भी पेट्रोलियम मंत्री ने इस पर विचार करने का भरोसा दिया है। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश भी चल रही है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों से पेट्रोल-डीजल से वैट कम करने की अपील पर राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हर राज्य की अपनी आर्थिक स्थिति होती है।
उसके आधार पर ही सरकार अपनी प्राथमिकता तय करती है। इसके बाद उन्हें याद दिलाया गया कि यूपीए के समय जब भाजपा ने सड़क पर उतर कर विरोध किया था, तब भी तो सरकार की आर्थिक स्थिति कुछ होगी तो मंत्री ने कह दिया कि मुझे नहीं पता

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