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जयपुर में हुई मूसलाधार बारिश में ‘गल’ गया दशानन का दंभ, ये रावण नहीं किसी की रोजी-रोटी थे

जयपुर में दशहरे से पहले हुई मूसलाधार बारिश ने कारीगरों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। मानसरोवर, गुर्जर की थड़ी सहित कई जगहों पर बनाए रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले भीगकर टूट गए।

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जयपुर

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Arvind Rao

Oct 01, 2025

Jaipur Dussehra Fair

Jaipur Dussehra Fair

जयपुर: दशहरे की तैयारी में जुटे कारीगरों की आंखों में उम्मीदें और दिलों में उत्साह थे। लेकिन मंगलवार की मूसलाधार बारिश ने उनके सपनों को कुछ ही घंटों में ध्वस्त कर दिया। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन, गुर्जर की थड़ी और अन्य इलाकों में महीनों की मेहनत से बनाए गए रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले पानी में भीगकर बर्बाद हो गए।


बता दें कि दो महीने की थकान और मेहनत, घर चलाने की उम्मीदें, सब कुछ बारिश की बूंदों में बह गया। दशहरे से पहले यह झटका कारीगरों और उनके परिवारों के लिए गहरी मायूसी लेकर आया।


टल सकता था नुकसान


कारीगर सोहन गुजराती ने कहा कि स्थानीय प्रशासन यदि उनके लिए शेड या स्थायी जगह की व्यवस्था कर देता तो नुकसान टला जा सकता था। उन्होंने कहा कि साल भर इसी काम से जीवन-यापन करते हैं। बारिश से हुए नुकसान की कोई भरपाई नहीं है। अब दिवाली पर घर रोशन करने का सपना अधूरा रह जाएगा। रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।


आयोजक भी परेशान


शहर में बड़ी विकास समितियों, अपार्टमेंट और अन्य सार्वजनिक जगहों पर रावण दहन की तैयारी में जुटे 400 से अधिक आयोजक भी परेशान हैं। पुतलों के बिना दशहरा अधूरा है। सब पुतले खराब हो चुके हैं। कार्यक्रम की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो चुकी थी। भीड़भाड़ से बचने के लिए लोग बड़े पैमाने पर मोहल्लों और पार्कों में रावण दहन की तैयारी कर रहे थे।


ग्राहकों को क्या देंगे जवाब?


पत्रिका से बातचीत में गुजरात से आए कारीगर राम सिंह जोगी की आंखें आंसू से नम थीं। उन्होंने कहा कि सिर्फ इस बारिश से कागज का नुकसान नहीं हुआ, हमारे सपनों पर भी पानी फिर गया। अब घर का चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो गया।


जालौर जिले के रामलाल ने कहा कि हमने दिन-रात मेहनत की। कागज, बांस और रंगों से दो से 35 फुट तक के रावण तैयार किए। कई लोगों ने बुकिंग भी कर रखी थी। अब जब ग्राहक आएंगे तो क्या जवाब देंगे? सब पुतले गलकर टूट गए हैं।