
5-7 किमी की फोटो और वीडियो कैप्चर कर सकेगा ड्रोन। फोटो पत्रिका
Jaipur News : जयपुर हैरिटेज निगम अब ड्रोन से निगरानी करेगा और समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। यह ड्रोन नियमित रूप से उड़ेगा और समस्याओं पर नजर रखेगा। निगम अधिकारियों की मानें तो निराश्रित जानवरों से लेकर सीवर समस्या तक और अवैध निर्माण पर भी नजर रखी जाएगी। ड्रोन के जरिए पांच से सात किमी के दायरे में फोटो और वीडियो लिए जा सकेंगे। निगम आयुक्त निधि पटेल की मानें तो इस तरह की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। इसके फायदे देखते हुए इसको आगे बढ़ाया जाएगा। निगम अधिकारियों का मानना है कि कम समय में लोगों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। प्रायोगिक तौर पर इसे शुरू करने की योजना है।
मौजूदा समय की बात करें तो राजधानी जयपुर के परकोटा क्षेत्र में मनमर्जी से अवैध निर्माण हो रहे हैं। निगम की सतर्कता शाखा और जोन कार्यालय चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। मिलीभगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निर्माण होने के साथ ही निगम नोटिस-नोटिस खेलना शुरू कर देता है और इसके बाद भी निर्माण कार्य पूरा हो जाता है। यही हाल पशु प्रबंधन शाखा में है।
स्वच्छता निगरानी : स्मार्ट सेंसर और डेटा एनालिटिस के माध्यम से स्वच्छता की स्थिति की निगरानी
की जाएगी। कचरा बिंदुओं और सार्वजनिक स्थानों की निगरानी की जाएगी।
कचरा प्रबंधन : ड्रोन के जरिए अवैध डंपिंग की पहचान की जाएगी। सटीक लोकेशन ट्रेकिंग से उसको तुरंत
हटवाया जाएगा। हूपर की गतिविधि और समयबद्धता से निगरानी की जाएगी।
आवारा पशु निगरानी : ड्रोन से आवारा पशुओं की लोकेशन ट्रैक कर टीमों को गोशालाओं तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी।
स्ट्रीट लाइट निगरानी : ड्रोन से स्ट्रीट लाइट की निगरानी होगी।
1- यातायात बाधाओं को कम करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने में मदद।
2- रियल टाइम से जाम वाले बिंदुओं की पहचान और वैकल्पिक मार्ग सुझाना।
3- ट्रैफिक नियम उल्लंघन की पहचान और साक्ष्य के रूप में फोटो कैप्चर करना।
Published on:
05 Oct 2025 08:08 am
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