
राजस्थान में कांग्रेस के कई नेताओं ने भजनलाल सरकार से सुरक्षा मांगी है। नेताओं ने इसकी वजह खुद को खतरा बताया है। ऐसे में जो सुरक्षा पहले मिली हुई थी, उसे वापस मांगा जा रहा है। पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पुत्र आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत, नागौर से कांग्रेस विधायक हरेन्द्र मिर्धा व उनके पुत्र राघवेन्द्र मिर्धा ने गृह विभाग से सुरक्षा मांगी है। इसके अलावा कुछ अन्य नेता भी सुरक्षा मांग रहे हैं। गृह विभाग ने इन नेताओं के प्रार्थना-पत्र पर इंटेलिजेंस और कमिश्नरेट से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के अध्ययन के बाद गृह विभाग उच्च स्तर से निर्देश मिलने पर ही फैसला करेगा। खाचरियावास और वैभव को सुरक्षा पहले मिली हुई थी। सरकार बदलने के बाद सभी की सुरक्षा की समीक्षा भी की जा रही है।
डोटासरा-चौधरी को सशस्त्र एस्कॉर्ट
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने अपने कई विधायकों और अन्य नेताओं को सुरक्षा दे रखी थी। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रहे हरीश चौधरी और गुजरात कांग्रेस प्रभारी रहे रघु शर्मा को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। इसमें भी डोटासरा और चौधरी को सशस्त्र एस्कॉर्ट की सुरक्षा थी।
गृह विभाग के उस वक्त के आदेश के अनुसार तीनों नेताओं को संभावित खतरों के मद्देनजर सुरक्षा उपलब्ध कराना बताया गया था। दरअसल ये तीनों कांग्रेस नेता गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई तो मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में तीनों को वाई श्रेणी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने छह विधायक जिन्हें सलाहकार बनाया था, उन्हें भी सुरक्षा दे दी थी। इनमें संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा, रामकेश मीणा, डॉ. जितेन्द्र और दानिश अबरार थे।
Published on:
21 Jan 2024 09:39 am
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