30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Krishna Janmotsav Today : जयपुर के मंदिरों में ठाकुरजी का होगा राजसी शृंगार, मध्यरात्रि को धूमधाम से होगी महाआरती

Krishna Janmotsav Today : गोविंद देव जी मंदिर जयपुर में ठाकुर जी की चार बार पोशाक बदली जाएगी। शहर के अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी का राजसी शृंगार होगा। मध्यरात्रि में महाआरती होगी।

2 min read
Google source verification
Krishna Janmotsav Today Thakurji will be decorated in royal style in Jaipur temples Mahaarati will be done at midnight

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Krishna Janmotsav Today : जन्माष्टमी (16 अगस्त) पर जन-जन के आराध्य ठाकुर जी के मंदिरों में भगवान की पोशाक और खानपान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। थाईलैंड, सिंगापुर सहित अन्य देशों के फूलों से भगवान का शृंगार करने के साथ ही विशेष माला भी तैयार की जा रही है। कहीं वृंदावन के कलाकार ठाकुर जी की पोशाक तैयार की है। शहर आराध्य गोविंद देव जी मंदिर की पोशाक शहर के कारीगरों ने तैयार की है।

मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि पर्व पर ठाकुर जी की चार बार पोशाक बदली जाएगी। पीले रंग की रेशमी जरदोजी, पारचा, लप्पा व जामा पोशाक को तैयार होने में कई दिन लगे हैं। पोशाक के लिए चार महीने पहले सैंपल तैयार किया जाता है। महंत अंजन कुमार गोस्वामी की ओर से सैंपल पास करने के बाद पोशाक बनने में दो माह लगे हैं। पूरी पोशाक को हाथ से तैयार किया है।

लाखों रुपए की कीमती पोशाक

मानसरोवर, धौलाई स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान कृष्ण को पीले सहित अन्य रंग की पोशाक धारण करवाई जाएगी। अध्यक्ष पंचरत्ना दास ने बताया कि राधा मदन मोहन, गिरधारी दाउजी, भगवान चैतन्य महाप्रभु व नित्यानंद महाप्रभु की पोशाक तीन लाख 60 हजार रुपए में तैयार हुई है। इसमें सिल्क के कपड़े के अलावा आभूषण, मुकुट की लागत भी शामिल है। बच्चों की प्रतियोगिताओं के साथ शाम को 108 स्वर्ण, रजत कलशों से विभिन्न औषधियों से अभिषेक होंगे। वहीं रविवार को नंदोत्सव के साथ मंदिर संस्थापक आचार्य प्रभु पाद का आविर्भाव महोत्सव के तहत कई कार्यक्रम होंगे। आर्किड सहित अन्य विदेशी फूलों से भगवान का विशेष शृंगार होगा।

नवरत्न धारण करेंगे कृष्ण-बलराम

जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में इस बार यशोदानंदन मंगला आरती में नवरत्न धारण करेंगे। वृंदावन में तैयार कराई गई विशेष पोशाक पर जरदोजी की कढ़ाई की गई है। भगवान के लिए पुष्प अलंकार (फूलों के आभूषण) कर्नाटक से मंगवाए गए हैं। पूरे मंदिर परिसर को देश के अलग-अलग जगहों से मंगवाए गए फूलों से सजाया गया है। मध्यरात्रि को महाआरती के साथ जड़ी-बूटियों व पंचामृत से महाभिषेक होगा।