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NIRF Ranking 2025: राजस्थान की किसी भी सरकारी यूनिवर्सिटी को नहीं मिली NIRF की टॉप-100 में जगह, BITS पिलानी 16वें स्थान पर

NIRF रैंकिंग 2025 में राजस्थान की सरकारी यूनिवर्सिटियों को झटका लगा है। किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय ने टॉप 100 में जगह नहीं बनाई। BITS पिलानी ने 16वां स्थान हासिल कर राज्य का मान बढ़ाया है।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Sep 05, 2025

NIRF Ranking 2025

NIRF Ranking 2025

जयपुर। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 में राजस्थान के सरकारी विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। राज्य की किसी भी सरकारी यूनिवर्सिटी को टॉप-100 की सूची में जगह नहीं मिल पाई। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 28 से अधिक राज्य विश्वविद्यालय हैं, जो देश में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।

दूसरी ओर, निजी विश्वविद्यालयों ने अच्छा प्रदर्शन किया। बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) पिलानी ने पिछली बार के 23वें स्थान से छलांग लगाते हुए इस बार 16वां स्थान हासिल किया है। वहीं आईआईटी जोधपुर को 66वां और मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNIT) जयपुर को 77वां स्थान मिला। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर 98वें स्थान पर रही।

विभिन्न श्रेणियों में देखें तो BITS पिलानी को राष्ट्रीय स्तर पर 7वां स्थान मिला है। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर 58वें स्थान पर रही, जबकि बनस्थली विद्यापीठ ने 66वां और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान ने 89वां स्थान हासिल किया।

स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटीज कैटेगरी में भी निराशा

राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अलग से जारी स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटीज कैटेगरी में भी निराशा हाथ लगी। किसी भी यूनिवर्सिटी को टॉप-50 में जगह नहीं मिली। केवल मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (उदयपुर) और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (उदयपुर) को 51-100 रैंक बैंड में शामिल किया गया।

एम्स जोधपुर 3 पायदान फिसला

मैनेजमेंट कैटेगरी में आईआईएम उदयपुर ने एक पायदान ऊपर चढ़ते हुए 21वां स्थान प्राप्त किया। मेडिकल संस्थानों में एम्स जोधपुर पिछले साल के 16वें स्थान से फिसलकर 19वें स्थान पर आ गया, जबकि एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर ने प्रगति करते हुए 43वें स्थान से 39वां स्थान हासिल किया।

सरकारी संस्थानों को मेहनत करने की जरूरत

इस बार की रैंकिंग ने साफ कर दिया है कि राजस्थान के निजी संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि राज्य की सरकारी यूनिवर्सिटीज को गुणवत्ता सुधार की दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे।


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