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राजस्थान में ‘ऑपरेशन गंजार्जन’, भेष बदल कर ANTF-NCB ने तस्करों को दिया चकमा, करोड़ों की गांजा की खेती पकड़ी

Operation Ganjarjan in Rajasthan : ANTF और NCB का बड़ा अभियान। पुख्ता सूचना के बाद गोपनीयता बनाए रखने के लिए जयपुर से रवाना पुलिस टीम ‘अंबेमाता की शोभायात्रा’ के रूप में निकली। संयुक्त कार्रवाई में 50 बीघा में आठ हजार से ज्यादा पौधे जब्त किए। जिसकी बाजार में कीमत करीब 20 करोड़ रुपए आंकी गई है।

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Operation Ganjarjan in Rajasthan ANTF-NCB thwart smugglers by disguising themselves seize cannabis cultivation worth 20 crores rupees
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ऑपरेशन गांजार्जन, जनजाति बहुल इलाकों में पकड़ी गांजे की खेती। फोटो पत्रिका

Operation Ganjarjan in Rajasthan : एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का बड़ा अभियान। करीब 20 करोड़ रुपए की अवैध गांजे की खेती का भंडाफोड़ किया है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने संयुक्त अभियान ‘ऑपरेशन गांजार्जन’ के तहत जनजाति बहुल क्षेत्रों में करोड़ों रुपए की अवैध गांजे की खेती का भंडाफोड़ किया है। तस्करों की ओर से पश्चिमी व दक्षिणी राजस्थान, उत्तर गुजरात और पंजाब में गांजे की पैदावार को ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था।

एएनटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी के सहयोग से उदयपुर संभाग के जनजाति बहुल इलाकों में चार टीमें भेजी गईं। सौ से अधिक अधिकारियों और जवानों ने करीब 50 बीघा भूमि पर उगाए गए आठ हजार से अधिक गांजे के पौधे जब्त किए।

तीन माह तक रखी निगरानी

लगातार मिल रही सूचनाओं से यह संकेत मिले कि गांजे की तस्करी बाहरी राज्यों से नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर हो रही है। इसे सत्यापित करने के लिए एएनटीएफ ने तीन माह तक निगरानी रखी। एक टीम ने पानी की पाइपलाइन डालने का रूप धरा, दूसरी ने कृषि पर्यवेक्षक बनकर खेतों की मृदा जांच की, जबकि अन्य टीमों ने बिजली विभाग और कृषि ऋण सर्वे के नाम पर खेतों का निरीक्षण किया और गांजे की खेती का पता लगाया।

शोभायात्रा के रूप में रवाना हुई टीम

पुख्ता सूचना के बाद गोपनीयता बनाए रखने के लिए जयपुर से रवाना पुलिस टीम ‘अंबेमाता की शोभायात्रा’ के रूप में निकली। पिण्डवाड़ा की एक फैक्टरी में रात्रि विश्राम के बाद टीमें उदयपुर के कौडा-मौड़ा, माण्डवा, निचली सुबरी और उपलाथला क्षेत्रों में पहुंचीं और छापेमारी की।

चरस बनाने के लिए बाहर भेजा जा रहा था गांजा

गांजा न केवल राजस्थान में बेचा जा रहा था, बल्कि चरस बनाने के लिए अन्य राज्यों में भी भेजा जा रहा था। स्थानीय स्तर पर दलालों, ठेकेदारों और कुछ व्यक्तियों की मिलीभगत के संकेत भी मिले हैं।