7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Organ Donation : 18 साल के बेटे की मौत, माता-पिता ने तीन मरीजों को दिया नया जीवन, लिवर-किडनियां की डोनेट

Organ Donation : परिवार ने अपने 18 वर्षीय बेटे की मौत के बाद ऐसा निर्णय लिया, जिसने तीन लोगों को नई जिंदगी मिलने जा रही है।

less than 1 minute read
Google source verification
PATRIKA PHOTO

PATRIKA PHOTO

जयपुर। गोविंदगढ़ निवासी परिवार ने अपने 18 वर्षीय बेटे की मौत के बाद ऐसा निर्णय लिया, जिसने तीन लोगों को नई जिंदगी मिलने जा रही है। एसएमएस अस्पताल में सड़क हादसे में घायल हुए युवक का उपचार चल रहा था, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। ब्रेन डेड घोषित होने के बाद परिजनों ने साहस दिखाते हुए उसके अंगदान का फैसला लिया।

डॉक्टरों के अनुसार 24 अगस्त को 18 वर्षीय रोहन हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ। जिसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार तीन दिन तक इलाज चलता रहा, मगर हालत बिगड़ती गई और 27 अगस्त को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इस कठिन घड़ी में परिवार ने बड़ा हृदय दिखाया और अंगदान के लिए हामी भरी।

परिजनों के इस निर्णय के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू की। प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. दीपक माहेश्वरी, नोडल ऑफिसर ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम डॉ. मनीष अग्रवाल और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के सहयोग से अंगदान की प्रक्रिया पूरी हुई। युवक की दोनों किडनी और लिवर जरूरतमंद मरीजों को डोनेट किए जाएंगे। इन अंगों से अब तीन अलग-अलग मरीजों को नया जीवन मिलेगा। डॉ मनीष अग्रवाल ने बताया कि आज सुबह अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई है। अंगों को ट्रांसप्लांट के लिए तैयार कर लिया गया है और इन्हें जल्द ही जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया जाएगा।

बता दें कि अंगदान को समाज में महादान कहा जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि एक ब्रेन डेड मरीज कई लोगों को जीवनदान दे सकता है। डॉक्टरों ने कहा कि 18 साल के बेटे की असमय मौत से परिवार का दर्द तो अपार है, लेकिन उन्होंने दूसरों को जिंदगी देने का जो निर्णय लिया, वह इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है।