
Jaipur Galtaji Tirth: जयपुर का गलता तीर्थ, जिसे गलताजी भी कहा जाता है, एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह तीर्थ स्थल विशेष रूप से श्राद्ध पक्ष के दौरान तर्पण के लिए जाना जाता है। श्राद्ध पक्ष हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का समय होता है।
गलता तीर्थ में तर्पण का महत्व इस बात से स्पष्ट होता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु केवल तर्पण करने नहीं आते, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण का भी अनुभव करते हैं। गलताजी में कई कुंड और मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु स्नान करके तर्पण करते हैं। मान्यता है कि यहां तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
गलता तीर्थ का इतिहास काफी प्राचीन है और इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है। यह स्थल 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां स्थित मंदिरों और कुंडों का निर्माण राजपूत शैली में किया गया है। यहां की खासियत यह है कि यहां दो पवित्र कुंड हैं, जिनमें स्नान करने से पापों का नाश होता है। इस स्थान पर भगवान सूर्य का भी मंदिर है। सबसे खास बात यह है कि पूरे राजस्थान में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां सूर्यदेव पत्नी संध्या (राणादे) के साथ विराजमान हैं।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ियों के बीच स्थित यह स्थल पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर श्राद्ध पक्ष के दौरान, जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें तर्पण अर्पित करते हैं। गलता तीर्थ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है। यहां का वातावरण श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ होता है, जो हर श्रद्धालु को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
Published on:
21 Sept 2024 02:20 pm
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