
जयपुर। सरकार के नाराजगी जाहिर करने के बावजूद प्रदेश में गरीबों को आवास बनाने के लिए लागू प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लक्ष्य पहुंच से बाहर नजर आ रहे हैं। योजना में अब तक के हालात देखें तो मौजूदा वित्तीय वर्ष का 2.23 लाख आवास का लक्ष्य जहां पूरा बकाया है, वहीं पिछले 2016-17 वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों की तुलना में भी ग्रामीण विकास महकमा सिर्फ 18 प्रतिशत ही सफलता हासिल कर पाया है।
जिला कलक्टरों को पत्र लिख कर जताई नाराजगी
जबकि राज्य सरकार ने सभी जिलों को पिछले वर्ष के बकाया आवासों को अक्टूबर माह तक ही पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस माह के बीतने के बाद भी लक्ष्य की तुलना में आवास निर्माण के हालात जब ऊंट के मुंह में जीरा जैसे रहे तो विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने हाल ही सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिख कर नाराजगी जताई है। विभाग ने सभी जिलों के लिए साप्ताहिक आधार पर लक्ष्य भी तय कर दिए हैं।
तीस नवम्बर तक पूरे करने हैं 2 लाख से अधिक आवास
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से योजना की मौजूदा स्थिति में वर्ष 2016-17 के कुल 2.50 लाख आवासों में से सिर्फ 45273 ही पूर्ण हो पाए हैं। अब जिला कलक्टरों को पांच सप्ताह के लक्ष्यों के अनुसार तीस नवम्बर तक 2 लाख से अ धिक आवास पूरे करने हैं।
पिछले माह ही मुख्यमंत्री ने जताई थी नाराजगी
पिछले माह ही मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आवासों की कम प्रगति को लेकर गहरी नाराजगी जताई थी। इस दौरान करौली, टोंक, भरतपुर, झुन्झुनू और राजसमंद जिलों में बेहद कम प्रगति सामने आई थी।
Published on:
01 Nov 2017 09:04 am
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