
जयपुर स्टेशन का दृश्य। फोटो पत्रिका
Jaipur Junction : जयपुर जंक्शन स्टेशन के री-डवलपमेंट कार्य ने अब तेज रफ्तार पकड़ ली है। स्टेशन के प्लेटफॉर्मों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए इन दिनों ट्रैफिक ब्लॉक लेकर स्टील गर्डर लगाने का काम लगातार जारी है। गर्डर लगाने से जंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म एक-दूसरे से जुड़े हुए और पूरी तरह कवर हो जाएंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार एक महीने में जंक्शन का प्लेटफॉर्म लेआउट पूरी तरह बदल जाएगा।
त्योहारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कुछ समय के लिए काम रोका था, लेकिन सीजन खत्म होते ही मेगा ट्रैफिक ब्लॉक लेकर कॉनकोर्स के दूसरे चरण का कार्य फिर शुरू कर दिया गया। इस चरण के तहत गर्डर इंस्टॉलेशन सबसे पहले प्लेटफॉर्म 6 और 7 पर लगभग पूरा हो चुका है। अब सबसे व्यस्त रहने वाले प्लेटफॉर्म 1, 2 और 3 पर भारी मशीनरी की मदद से गर्डर उठाकर फिट किए जा रहे हैं। यह कार्य रोजाना सुबह 10 बजे से शाम तक चलता है। काम की वजह से कई ट्रेनों को रद्द और आंशिक रद्द किया गया है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन पर तीन नए फुट ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। दौसा साइड का 6 मीटर चौड़ा फुट ओवरब्रिज यात्रियों के लिए खोल दिया गया है, जबकि सीकर साइड के 6 मीटर चौड़े एफओबी का फेब्रिकेशन और अन्य कार्य तेजी से चल रहा है। इसके अलावा स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर बेसमेंट और बिल्डिंग कॉलम का काम भी प्रगति पर है।
शनिवार को सुबह 10 बजे से छह घंटे तक और रविवार को सुबह 10 बजे से साढ़े आठ घंटे तक मेगा ट्रैफिक ब्लॉक रहेगा। इस दौरान जयपुर जंक्शन पर एक भी ट्रेन की आवाजाही नहीं होगी। प्रभावित ट्रेनों को अन्य स्टेशनों से संचालित किया जाएगा।
रेलवे का दावा है कि 12 दिसंबर तक इस चरण को पूरा कर लिया जाएगा। पहली बार जंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म पूरी तरह गर्डर से कवर किए जा रहे हैं। गर्डर लगाने के बाद डेक स्लैब का काम होगा, जिनके ऊपर फूड कोर्ट, गेम जोन जैसी यात्री सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
ऐसा मॉडल पहले गांधीनगर स्टेशन पर सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। जयपुर जंक्शन को 717 करोड़ रुपए की लागत से वर्ल्ड क्लास स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
Published on:
22 Nov 2025 10:19 am
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