
गिरफ्तार निरीक्षक (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को फिल्मी अंदाज में 10 किलोमीटर पीछा कर सहकारी समिति के निरीक्षक नारायण वर्मा को 2.75 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी सोसायटी के पट्टों पर स्टे देने की एवज में यह राशि ले रहा था।
एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव के अनुसार, आरोपी नारायण वर्मा उप रजिस्ट्रार शहर कार्यालय, सहकारी समिति मिनी सचिवालय में पदस्थ है। परिवादी ने 20 दिन पहले शिकायत दी थी कि सांगानेर, डिग्गी रोड स्थित हरगुन की नांगल उर्फ चारणवाला में हरिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति बनाई गई है, जिसमें श्रीनाथ एनक्लेव द्वितीय में उसके दो आवासीय प्लॉट हैं।
विवाद होने पर स्टे के लिए जब वह नारायण वर्मा से मिला, तो उसने प्रति प्लॉट 2 लाख रुपए उप रजिस्ट्रार के लिए और 1 लाख रुपए अपने लिए रिश्वत मांगी। आरोपी पहले ही 25-25-24 हजार रुपए करके तीन बार में 74 हजार रुपए ले चुका था। डीआइजी आनंद शर्मा के नेतृत्व में ट्रैप की कार्रवाई की गई।
डीआइजी आनंद शर्मा ने बताया कि, आरोपी पहले रिश्वत लेने के लिए उसे स्कूटी पर बैठाकर कई किलोमीटर घुमाता और सुनसान जगह पर रोककर पैसे लेता, फिर वहीं छोड़कर अकेले स्कूटी से निकल जाता।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि स्टे की फाइल पर अंतिम निर्णय उप रजिस्ट्रार को करना था। आरोपी उनके नाम पर रिश्वत वसूल रहा था। अब जांच में उप रजिस्ट्रार की भूमिका भी खंगाली जाएगी।
डीआइजी आनंद शर्मा ने बताया कि गुरुवार शाम आरोपी ने शिकायतकर्ता को कलक्ट्रेट सर्कल बुलाया, लेकिन खुद मौके पर नहीं आया। इस बीच, एसीबी की दो टीमें पहले से उसका पीछा करने के लिए तैनात थीं। अभय कमांड सेंटर में सीसीटीवी कैमरों से भी उसकी गतिविधियों पर लाइव नजर रखी जा रही थी।
शिकायतकर्ता को भी जीपीएस डिवाइस दिया गया था, ताकि उसकी लोकेशन पता चलती रहे। ऑफिस बंद होने के बाद आरोपी स्कूटी लेकर ज्योतिबा फुले सर्कल पहुंचा और वहां से शिकायतकर्ता को बैठाकर करीब 10 किलोमीटर घुमाने के बाद गुर्जर की थड़ी पहुंचा। यहां 2.75 लाख रुपए लेते ही पीछा कर रही टीम ने उसे धर दबोचा।
Updated on:
15 Aug 2025 01:06 pm
Published on:
15 Aug 2025 11:50 am
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