31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘अंता उपचुनाव नतीजे बड़े राजनीतिक परिवर्तन का संकेत नहीं’, मदन राठौड़ ने ली हार की जिम्मेदारी, बताए पराजय के 5 कारण

अंता विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इसे जनता का जनादेश बताते हुए पूरी जिम्मेदारी स्वयं पर ली है।

less than 1 minute read
Google source verification
Play video

फोटो पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। अंता विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इसे जनता का जनादेश बताते हुए पूरी जिम्मेदारी स्वयं पर ली है। उन्होंने कहा कि हम हार के कारणों की समीक्षा करेंगे और उसके बाद सुधार के प्रयास करेंगे। राठौड़ ने अंता की जनता को शांतिपूर्ण मतदान के लिए धन्यवाद दिया और विजयी कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया को शुभकामनाएं भी दीं।

उन्होंने कहा कि उपचुनाव और आम चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं और अंता का परिणाम किसी भी बड़े राजनीतिक परिवर्तन का संकेत नहीं देता। यह हार हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सबसे अधिक जिम्मेदारी मेरी खुद की है। राठौड़ ने कहा कि भाजपा इस पराजय को भविष्य की मजबूत छलांग से पहले की तैयारी के रूप में देख रही है। संगठन में यदि किसी सुधार या 'ऑपरेशन' की आवश्यकता होगी, तो पार्टी उसे लागू करने में देर नहीं करेगी।

राठौड़ ने बीजेपी की हार के 5 कारण बताए

  1. राठौड़ ने माना कि कांग्रेस द्वारा फैलाए गए भ्रम को पार्टी समय पर काउंटर नहीं कर सकी, जिसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ा।
  2. भाजपा चाहती थी कि जनता स्थानीय और सेवाभावी उम्मीदवार को आगे लाए, लेकिन संगठन जनता के बीच यह संदेश प्रभावी तरीके से नहीं पहुंचा पाया।
  3. उपचुनाव अक्सर स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। अंता क्षेत्र में विकास, स्थानीय समस्याएं और उम्मीदवार की कार्यशैली जैसे मुद्दों ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया।
  4. राठौड़ ने संकेत दिया कि संगठनात्मक स्तर पर कहीं न कहीं कमी रह गई। ग्राउंड मैनेजमेंट और माइक्रो-लेवल रणनीति उतनी प्रभावशाली नहीं दिखी।
  5. प्रमोद जैन भाया की स्थानीय पकड़ मजबूत रही। वहीं भाजपा अपने उम्मीदवार और सरकारी कार्यों को जनता के बीच उतनी प्रभावी शैली में प्रस्तुत नहीं कर पाई।