
हाथी सवारी दर विवाद (फोटो- पत्रिका)
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने आमेर महल और अन्य जगह के लिए हाथी सवारी की दर 2500 से घटाकर 1500 रुपए करने के पुरातत्व विभाग के आदेश की पालना पर रोक लगा दी। साथ ही कला-संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव व निदेशक, पुरातत्व निदेशक और पर्यटन निदेशक सहित अन्य से जवाब-तलब किया।
बता दें कि पुरातत्व विभाग के सचिव को 23 सितंबर को तलब किया है। वहीं, दर घटाने वाले अधिकारी से शपथ पत्र मांगा गया है। न्यायाधीश समीर जैन ने हाथी गांव विकास समिति और अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया।
अधिवक्ता प्रकाश कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि पुरातत्व विभाग ने 9 जनवरी को हाथी सवारी की दर 2500 रुपए से घटाकर 1500 रुपए कर दी। याचिकाकर्ता पक्ष का कहना था कि हाथियों के रखरखाव, देखभाल और चिकित्सा पर भारी खर्च होता है। पर्यटन सीजन सीमित समय का होता है। वहीं, महावतों के परिवार की आजीविका पूरी तरह हाथी सवारी पर निर्भर है।
निजी समूह अनधिकृत तौर पर पुलिस और ट्रेवल एजेंसियों से मिलीभगत कर पर्यटकों से हाथी सवारी के दस हजार रुपए तक वसूल रहे हैं। इससे प्रदेश की बदनामी होने के साथ ही पर्यटन व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। याचिका में हाथी सवारी की दर कम करने के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया गया है।
Updated on:
29 Aug 2025 10:18 am
Published on:
29 Aug 2025 09:13 am
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