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राजस्थान: अब किसी भी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने की सोचें भी न अभ्यर्थी, कर्मचारी चयन बोर्ड ने की ये बड़ी तैयारी

राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के डेटा का विश्लेषण होगा। कर्मचारी चयन बोर्ड ने 21 लाख अभ्यर्थी का डेटा बैंक बनाया है। पढ़ें विजय शर्मा की रिपोर्ट...

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 23, 2025

Rajasthan Candidates

21 लाख अभ्यर्थी का डेटा बैंक तैयार (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा के दौरान करीब 21 लाख अभ्यार्थियों का डेटा तैयार किया गया है। आगामी किसी भी भर्ती परीक्षा में ये अभ्यर्थी फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे। साथ ही इस डेटा को बोर्ड अब अन्य परीक्षा एजेंसियों के साथ भी साझा करेगा।


दरअसल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा पूरी होने के बाद बोर्ड की ओर से 21 लाख अभ्यर्थियों के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। बोर्ड की ओर से परीक्षा के आवेदन के दौरान अभ्यर्थियों की डिग्री, सर्टिफिकेट की जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा अभ्यर्थियों की लाइव फोटो भी बोर्ड ने ली थी।


इसके बाद परीक्षा के दौरान बोर्ड ने अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी, हैंडराइटिंग का नमूना और चेहरे की स्कैनिंग भी की। बोर्ड के पास अब इन अभ्यर्थियों का यह पूरा डेटा जमा है।


ऐसे में किसी भी भर्ती में इन अभ्यर्थियों ने कोई चालाकी की तो पकड़े जाएंगे। डमी कैंडिडेट से लेकर फर्जी डिग्री-सर्टिफिकेट या आवेदन में गलत जानकारी भरने पर बोर्ड का सॉफ्टवेयर अभ्यर्थियों की पहचान कर लेगा।


पकड़े गए 13 अभ्यर्थी


पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पकड़े गए थे 13 अभ्यर्थी हाल ही में आयोजित हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में इसी आधार पर अलग-अलग जगह से 13 डमी अभ्यर्थियों को पकड़ा था। इन अभ्यर्थियों ने इससे पहले अन्य भर्ती परीक्षा में अलग-अलग अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी। जैसे ही ये अभ्यर्थी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आए तो बायोमैट्रिक के जरिए इनकी पहचान हो गई।


बड़ी संख्या में आए अभ्यर्थी


विशेषज्ञों की मानें तो चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा में राज्य सहित दूसरे राज्यों के कुल 25 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें 21 लाख ने परीक्षा दी। ये अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो प्रदेश की लगभग हर भर्ती परीक्षा में आवेदन करते हैं।


आरएएस से लेकर पटवारी, शिक्षक, वाहन चालक, पुलिस कांस्टेबल, एसआइ, ग्राम सेवक सहित अन्य सभी भर्ती परीक्षा में इन्हीं में से अभ्यर्थी शामिल होते हैं। ऐसे में बोर्ड के पास हर भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले 80 फीसदी से अधिक अभ्यर्थियों का डेटा जमा हो गया है।


नहीं कर पाएंगे हेराफेरी


राजस्थान में पहले डमी अभ्यर्थी, फर्जी डिग्री या अन्य फर्जीवाड़े के मामले आते थे। लेकिन सबूत नहीं होने के कारण इनकी पहचान नहीं होती थी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा के बाद बड़ा फिगर हमारे पास आ गया है। सभी का डेटा विश्लेषण कर रहे हैं। किसी भी भर्ती में ये 21 लाख फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएंगे।
-आलोक राज, अध्यक्ष राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड