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Jaipur Junction Redevelopment: जयपुर जंक्शन कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट 6 महीने लेट, मेन एंट्री पर क्राउड मैनेजमेंट फेल

जयपुर जंक्शन की सेकंड एंट्री शुरू होने में लगातार देरी यात्रियों के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन गई है। हजारों लोग रोज लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि नई सेकंड एंट्री बिल्डिंग पूरी तरह तैयार होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया जा सका है।

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जयपुर जंक्शन मेन एंट्री गेट पर भीड़, पत्रिका फोटो

Second entry of Jaipur Junction closed: जयपुर जंक्शन की सेकंड एंट्री शुरू होने में लगातार देरी यात्रियों के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन गई है। हजारों लोग रोज लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि नई सेकंड एंट्री बिल्डिंग पूरी तरह तैयार होने के बावजूद उसे चालू नहीं किया जा सका है। दरअसल, वर्तमान में जयपुर जंक्शन का री-डवलपमेंट कार्य जारी है। ऐसे में हसनपुरा स्थित सेकंड एंट्री की नई बिल्डिंग अक्टूबर में शुरू होनी थी, लेकिन अब तक कार्य शुरू नहीं हो पाया।

पड़ताल में सामने आया कि सेकंड एंट्री से मुख्य जंक्शन के बीच जो नया कनेक्टिविटी ब्रिज बनाया जा रहा है, उसका काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। इधर, नई बिल्डिंग में बुकिंग काउंटर, आरक्षण केंद्र जैसी सुविधाओं की शिफ्टिंग अभी तक नहीं की गई। इन दोनों कारणों से दिक्कतें हो रही है। सूत्रों के मुताबिक निर्माण में करीब छह महीने की देरी हो चुकी है। रेलवे अधिकारियों का दावा है कि अब इसे फरवरी तक शुरू कर दिया जाएगा।

मेन एंट्री तक लंबा चक्कर

वैशालीनगर, टोंक रोड, अजमेर रोड, मानसरोवर, मालवीय नगर सहित कई इलाकों से आने वाले लोग पहले जयपुर जंक्शन के हसनपुरा सेकंड एंट्री से ही प्रवेश करते थे। यहां रिजर्वेशन और टिकट घर सहित कई सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिन्हें री-डवलपमेंट शुरू होने के बाद मेन एंट्री की ओर शिफ्ट कर दिया गया। ऐसे में अब मेन एंट्री पर हर वक्त लंबी कतारें रहती हैं। हसनपुरा की ओर से आने वालों को रिजर्वेशन करवाने के लिए ट्रैफिक पार कर लंबा चक्कर काटकर मेन एंट्री पर जाना पड़ रहा है, जिससे भारी परेशानी होती है। हालांकि पुरानी सेकण्ड एंट्री से भी आवाजाही जारी है, लेकिन वहां भी रिजर्वेशन, वेटिंग एरिया जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं।

नाराज यात्री बोले, राहत देने पर फोकस नहीं

यात्रियों का कहना है कि नई सेकंड एंट्री शुरू होते ही भीड़ काफी हद तक बंट जाएगी, खासकर सुबह-शाम के पीक ऑवर्स में राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि, पुरानी सेकंड एंट्री भी खराब हाल में है। उनका कहना है कि, जब तक नया ब्रिज तैयार नहीं होता है तब तक हावड़ा ब्रिज से अस्थायी प्रवेश शुरू किया जा सकता है। यहां पर टिकट की सुविधा शुरू की जा सकती है। सेकंड एंट्री पर अस्थायी बुकिंग-रिजर्वेशन काउंटर लगाकर राहत दी जा सकती है। बुजुर्ग, महिलाओं और भारी सामान वाले यात्रियों को सबसे अधिक दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

असमंजस में फंसकर कट रही जेब

पड़ताल में पता चला कि, नई सेकंड एंट्री बिल्डिंग देखने में पूरी तरह तैयार दिखती है। इसी भ्रम में कई यात्री वहीं पहुंच जाते हैं। वहां टिकट न मिलने पर वे हावड़ा ब्रिज की ओर बढ़ते हैं और गफलत में ब्रिज से उत्तरकर स्टेशन परिसर में दाखिल हो जाते हैं। वहां जांच के दौरान टिकट न होने पर उन्हें पकड़ा जाता है और जुर्माना भरना पड़ता है। वहां टिकट बुकिंग की भी सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं, हावड़ा ब्रिज से प्रवेश भी फिलहाल बंद है। कई बार यात्रियों को आरपीएफ वापस लौटा देती है, जिसके चक्कर में कई लोग सफर से भी वंचित रह जाते हैं।


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