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राजस्थान में धनतेरस पर 22 हजार करोड़ का कारोबार, जयपुर में रिकॉर्ड बिक्री, सबसे ज्यादा बिकी गाड़ियां

धनतेरस पर राजस्थान में शनिवार को करीब 22 हजार करोड़ तो वहीं जयपुर में 5500 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ। खासतौर पर बर्तनों की खरीदारी के लिए रात 12 बजे तक ग्राहकों की भीड़ रही।

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जयपुर

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Arvind Rao

Oct 19, 2025

Rajasthan

धनतेरस पर 22 हजार करोड़ का कारोबार (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: राजस्थान में शनिवार को धनतेरस पर बाजारों में रौनक देखने को मिली। इस दिन महालक्ष्मी के आगमन और वैभव के प्रतीक दीपोत्सव की शुरुआत बुधादित्य योग समेत अन्य शुभ योगों के साथ हुई। महिलाएं घरों में खुशियों के दीप जलाकर, गणेश, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करती नजर आईं।


वहीं, शहर के अलग-अलग हिस्सों में रंग-बिरंगी रोशनी और थीम आधारित सजावट आकर्षण का केंद्र बनी। शाम होते ही परकोटे सहित अन्य प्रमुख बाजारों में लाइट्स जलते ही ऐसा प्रतीत हुआ कि पूरा शहर महालक्ष्मी के स्वागत के लिए सज चुका है।


सपाट बाजारों में सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ दिखाई दी। विशेष रूप से बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, ऑटोमोबाइल शोरूम, सराफा और कपड़ों की दुकानों पर देर रात तक बिक्री जारी रही।


हालांकि, इस बार धनतेरस शनिवार को पड़ने के कारण कुछ हद तक बर्तन की बिक्री नरम रही। ज्यादातर लोग लोहे और स्टील के बर्तन खरीदने से बचते हैं, क्योंकि इनमें टिन या अन्य मिश्रण सामग्री होने के कारण मान्यता के अनुसार इसे टालना बेहतर माना जाता है। कई ग्राहकों ने इस कारण वाहन की डिलीवरी भी नहीं ली।


वाहन बाजार में उत्साह की कमी नहीं रही। मानसरोवर, मालवीयनगर, सीकर रोड, राजापार्क, जगतपुरा सहित अन्य क्षेत्रों के ऑटोमोबाइल शोरूमों में सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ लगी रही। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के अनुसार, इस दिन 700 चौपहिया और 1500 दोपहिया वाहनों की पूजा संपन्न हुई। सोने-चांदी के लक्ष्मी-गणेश सिक्कों की बिक्री भी अच्छी रही।


दीपोत्सव के दूसरे दिन यानी रविवार को रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन गृह लक्ष्मी अपने घरों में अपना रूप संवारेंगी और हाथों पर मेहंदी लगाएंगी। शाम को दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।


वहीं, हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिरों में दिनभर हनुमत भक्ति का आयोजन रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित सुधाकर पुरोहित के अनुसार, कई ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाने का प्रावधान है, जो दीपावली से एक दिन पहले पड़ता है। इस साल स्वदेशी उत्पादों की मांग भी स्पष्ट रूप से बढ़ी। मिट्टी के दीपक, मोमबत्तियां और हैंडमेड झालरों की बिक्री ने बाजारों में उत्साह बढ़ाया।


जयपुर में अनुमानित कारोबार इस प्रकार रहा


वाहन 2050 करोड़, प्रॉपर्टी 1900 करोड़, सोने-चांदी 400 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स 500 करोड़, फर्नीचर और फर्निशिंग 200 करोड़, परिधान 90 करोड़, बर्तन 45 करोड़, मिठाई-नमकीन-ड्राई फ्रूट्स 55 करोड़, लाइट्स 80 करोड़, गिफ्ट 100 करोड़ और पटाखे 100 करोड़।


ज्वेलर्स डॉ. संजय जोशी ने बताया कि सोने-चांदी की कीमतों में तेजी के बावजूद लोग अपने बजट के अनुसार खरीदारी कर रहे थे। जहां दो तौल का सोना लेना था, वहां एक तौल लिया गया, और चांदी में भी 20 ग्राम के सिक्के की जगह 10 ग्राम के सिक्के की बिक्री हुई।


राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष केएल जैन ने बताया कि धनतेरस पर ग्राहकों में काफी उत्साह देखा गया। जीएसटी कम होने का लाभ उठाने के लिए लोगों ने जमकर खरीदारी की। इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में विशेष भीड़ रही, और शहर की कई सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। वाहन से लेकर मिठाई, ड्राई फ्रूट्स और अन्य सामान की बिक्री ने बाजारों में रौनक बढ़ाई।


इस प्रकार, जयपुर के बाजारों में धनतेरस और दीपोत्सव का उत्साह देखने लायक रहा। लोगों ने पारंपरिक मान्यताओं का ध्यान रखते हुए भी खरीदारी का आनंद लिया और महालक्ष्मी के स्वागत की परंपरा को जीवंत रखा।