8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Electricity : महंगी बिजली से राजस्थान के उद्यमी परेशान, स्टील-प्लास्टिक सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित

Expensive Electricity : राजस्थान में महंगी बिजली से उद्योग हिल गए हैं। नए बिजली रेट से स्टील और प्लास्टिक सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध किया है। राजस्थान के उद्यमी परेशान हैं।

2 min read
Google source verification
बिजली विभाग ने दी चेतावनी! 11 करोड़ बकाया, बिल नहीं चुकाने पर काटी जा सकती है सप्लाई...(photo-patrika)

बिजली विभाग ने दी चेतावनी! 11 करोड़ बकाया, बिल नहीं चुकाने पर काटी जा सकती है सप्लाई...(photo-patrika)

Rajasthan Expensive Electricity : विद्युत वितरण निगम की ओर से आम उपभोक्ता के साथ उद्योगों पर लगाए गए अधिभार से राजस्थान के उद्यमी परेशान हैं। विभिन्न औद्योगिक संगठनों की ओर से विरोध दर्ज कराया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर प्रदेश की स्टील और प्लास्टिक इंडस्ट्री पर है, €क्योंकि इन उद्योगों में बिजली रॉ मैटेरियल की तरह उपयोग में ली जाती है।

स्टील इंडस्ट्रीज में कुल लागत का 45 प्रतिशत तक और प्लास्टिक इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत तक खर्च बिजली पर होता है। एक मध्यम स्तर की इंडक्शन फर्निश इंडस्ट्री भी मासिक 10 लाख यूनिट तक बिजली की खपत करती है। वर्तमान में स्थाई शुल्क, रेगुलेटरी चार्ज में वृद्धि और लोड फैक्टर छूट की समाप्ति के बाद इन उद्योगों पर प्रति यूनिट करीब ढाई रुपए का भार बढ़ गया है। यानी 10 लाख यूनिट मासिक खपत करने वाले उद्योग पर प्रति माह 25 लाख रुपये का बिजली खर्च बढ़ गया है।

बिल में खपत और देय राशि स्पष्ट लिखी जाए

डिस्कॉम उपभोक्ता और उद्यमियों के बिल में कई तरह के अधिभार और शुल्क के विभिन्न नाम देकर भ्रमित कर बिजली की कीमत वसूलते हैं। सरकार को चाहिए कि उद्यमी या उपभोक्ता के बिल में सीधे तौर पर कुल यूनिट खपत और उसकी एवज में देय राशि लिखनी चाहिए। अभी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि उद्योगों के लिए बिजली की बेसिक चार्ज 65 पैसे यूनिट तक कम कर दिया, लेकिन दूसरी ओर ढाई रुपए प्रति यूनिट बढ़ा भी दिया है।
एनके जैन, अध्यक्ष, एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान

कुल लागत का 30 प्रतिशत तक होता है बिजली पर खर्च

प्लास्टिक औद्योगिक इकाइयों की कुल लागत का 30 प्रतिशत तक बिजली पर खर्च होता है। ढाई रुपए यूनिट तक बिजली शुल्क बढ़ने पर 5 से 10 लाख रुपए प्रति माह का लागत बढ़ गई है।
श्रवण कुमार शर्मा, अध्यक्ष, प्लास्टिक मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग