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Trump Tariff : राजस्थान के निर्यातकों ने नहीं मानी हार, ट्रम्प टैरिफ का निकाला नया तोड़

Trump Tariff in Rajasthan : ट्रम्प के 50 फीसदी टैरिफ का झटका राजस्थान के निर्यातकों को जरूर लगा। पर ट्रम्प टैरिफ के खिलाफ राजस्थान के निर्यातकों ने एक नया फार्मूला निकाल लिया है। पूरी उम्मीद है कि नवरात्र से दिवाली तक उन्हें संभलने का मौका मिल जाएगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Rajasthan Exporters did not Give Up Found a New Solution to Trump Tariff

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Trump Tariff in Rajasthan : अमरीका की ओर से 50 फीसदी टैरिफ का झटका राजस्थान के निर्यातकों को गहरे तक लगा है। यूनिटों में 6000 करोड़ का माल फंसा पड़ा है, लेकिन हार मानने के बजाय निर्यातकों ने मोर्चा खोल दिया है। शहरों में अचानक गारमेंट, हैंडीक्राफ्ट और लेदर गुड्स के चुनिंदा फैक्टरी आउटलेट्स पर सेल के साथ-साथ प्रदर्शनियों में एक्सपोर्ट का माल आने लगा है। जिन शोरूमों में पहले निर्यात का चमकदार माल बाहर नहीं दिखता था, वहां अब 'स्पेशल डिस्काउंट' के बोर्ड लटके हैं। यहां तक कि ओवर और डेड स्टॉक तक सड़क किनारे बिक रहा है।

नवरात्र से दिवाली तक उम्मीद

निर्यात संगठनों का कहना है, देश में त्योहारी सीजन में जमकर खरीदारी का होती है। निर्यातक मानते हैं कि कैंसिल हुए आर्डर्स को लोकल प्रदर्शनी, डिस्काउंट सेल और फैक्टरी आउटलेट्स से खपाया जा सकता है। सभी की निगाहें अब नवरात्र से दिवाली के बीच की खपत पर हैं। इस बीच निर्यातक फैक्टरी आउटलेट्स से बिक्री पर जीएसटी पर छूट और प्रदर्शनी के माल की आवाजाही में ई-वे बिल में राहत की मांग कर रहे हैं।

ईटीसी ऑफिसों में पसरा सन्नाटा

टैरिफ लागू होते ही अमरीका को लग्जरी गुड्स का निर्यात लगभग शून्य पर आ गया। देशभर में एक्सपोर्ट ट्रेडिंग कम्पनियों (ईटीसी) के ऑफिसों में चहल पहल कम हो गई है। जयपुर के एक ट्रेडर का कहना है कि 'अमरीकी इम्पोर्टर अब एडवांस टैरिफ की मांग कर रहे हैं। वहां व्यापार क्रेडिट पर चलता था, लेकिन अब हमसे इतना डिस्काउंट चाहते हैं जो मुमकिन ही नहीं। अगर हालात ऐसे ही रहे तो इन ऑफिसों के ताले लगना तय है।'

ऑनलाइन का सहारा…

टैरिफ से पहले ही राजस्थान के निर्यातकों की ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर मौजूदगी बढ़ने लगी थी। अब यह और तेज़ हो रही है। अमेजन इंडिया के डायरेक्टर (ईई) निशांत रमन कहते हैं, 'इस फेस्टिव सीजन हमें पिछली बार से बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है। वेयरहाउस पर सप्लाई और तेज हो गई है। गारमेंट और होम डेकोर की डिमांड जबरदस्त है।'

बाजार में नई रणनीति

निर्यातक अब अपना माल खपाने के लिए 4 सूत्री एजेंडे पर काम कर रहे हैं-
1- यूरोप और एशियन देशों में नए बाजार तलाशना।
2- सरकार के सहयोग से घरेलू प्रदर्शनी लगाना।
3- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ज्यादा सक्रिय होना।
4- दिवाली से पहले सेल और आउटलेट्स से ओवर/डेड स्टॉक निकालना।

बैंकों ने खींचे हाथ

इस बीच बैंकों का भरोसा भी डगमगा रहा है। एक बड़े बैंक अधिकारी ने कहा, 'कई बैंक अब लेटर ऑफ क्रेडिट को लेकर दबाव में हैं। अमरीकी बाजार पर निर्भर निर्यातकों को नया कर्ज देने में संस्थान सतर्क हो गए हैं।' विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे में सरकार और वित्तीय संस्थानों से पैकेज व सहयोग जरूरी होगा।