
Rajasthan IPS Farewells (Patrika Photo)
जयपुर: राजस्थान में हाल ही में आईपीएस अधिकारियों के तबादलों के बाद विदाई समारोहों का एक नया ट्रेंड देखने को मिला। अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की मजबूती के बजाय पुलिस अधिकारी अपनी भव्य विदाई पार्टियों में व्यस्त नजर आ रहे हैं।
पुलिस महकमे में यह नई परिपाटी शुरू हो चुकी है। अब ड्यूटी से अधिक ध्यान शो और सेलिब्रिटीज से सजी फेयरवेल पार्टियों पर दिया जा रहा है। जयपुर, भरतपुर और झालावाड़ सहित कई जिलों में हुए विदाई समारोह ने इस ट्रेंड को सुर्खियों में ला दिया है।
झालावाड़ में एसपी रिचा तोमर की विदाई पर उन्हें घोड़ी पर बिठाकर बैंड-बाजे के साथ शहर में घुमाया गया और पुलिसकर्मियों ने उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए। स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की भी मौजूदगी रही, जिससे स्पष्ट होता है कि इन कार्यक्रमों को ऊंच स्तर पर स्वीकृति मिल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की विदाई परंपराएं न केवल पुलिस की पेशेवर छवि को प्रभावित करती हैं, बल्कि आम जनता के बीच एक गलत संदेश भी देती हैं। जब जनता अपराध, चोरी, बलात्कार और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों से जूझ रही है, उस वक्त पुलिस का ध्यान ऐसे आयोजनों पर होना चिंताजनक है।
जयपुर में डीसीपी (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी की विदाई एक शाही समारोह में तब्दील हो गई। उन्हें पारंपरिक बग्घी में बैठाकर पूरे समान के साथ विदा किया गया, जबकि उनके साथी पुलिस अधिकारी बग्घी के आगे चलते हुए नजर आए। समारोह में फिल्मी सितारे जैकी श्रॉफ और कार्तिक आर्यन भी पहुंचे, जिससे यह कार्यक्रम और अधिक भव्य हो गया।
विदाई समारोह ने न केवल आम जनता को चौंकाया, बल्कि सोशल मीडिया पर इन आयोजनों की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि तबादलों के बाद इस तरह का दिखावा क्यों किया जा रहा है।
जहां एक ओर आमजन अपराध और कानून-व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। वहीं, पुलिस अधिकारी बैंड-बाजे और घोड़े-बग्घियों में मशगूल दिखाई दे रहे हैं। भरतपुर में एसपी मृदुल कच्छावा को फूलों की माला पहनाकर, बैंड-बाजे के साथ घोड़े पर बिठाकर शाही अंदाज में पुलिस लाइन से विदा किया गया।
हमारे समय में ऐसा देखने को नहीं मिला। कोई नियम नहीं है और न ही किसी का इस पर ध्यान गया है। आज सोशल मीडिया का जमाना है। आज का युवा अलग तरह से अपनी हर चीज साझा करना चाहता है। बदलता हुआ जमाना है, इसे सही या गलत की परिभाषा में नहीं रखा जा सकता। आज का युवा अपनी सर्विस यात्रा को इलेक्ट्रॉनिकली दर्ज करना चाहता है।
-रवि प्रकाश मेहरड़ा, रिटायर्ड डीजीपी
Updated on:
29 Jul 2025 11:48 am
Published on:
29 Jul 2025 11:47 am
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