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राजस्थान में एक राज्यसभा सीट होगी रिक्त, उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस देंगे एक दूसरे को चुनौती

Rajya Sabha seat by-election : राजस्थान में एक राज्यसभा सीट रिक्त होने वाली है। उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे को फिर चुनौती देंगे। कांग्रेस के दिग्गज नेता केसी वेणुगोपाल केरल की अलाप्पूझा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं।

Rajasthan KC Venugopal One Rajya Sabha seat vacant BJP Congress challenge each other in by-election
केरल की अलाप्पूझा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए केसी वेणुगोपाल

Rajya Sabha seat by-election : राजस्थान में एक राज्यसभा सीट रिक्त होने वाली है। लोकसभा सांसद चुनने की वजह से कांग्रेस के दिग्गज नेता केसी वेणुगोपाल राजस्थान की राज्यसभा सीट से अपना इस्तीफा जल्द देंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल केरल की अलाप्पूझा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद अब उनकी राज्यसभा सीट रिक्त होगी। इस सीट पर जून 2026 तक का कार्यकाल बाकी है। छह माह के भीतर इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने होंगे। राजस्थान की 10 राज्यसभा सीट हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद

हालांकि संख्या बल के लिहाज से देखा जाए तो सत्तारूढ़ भाजपा का पलड़ा भारी रह सकता है। प्रदेश में भाजपा के 115 विधायक हैं जबकि कांग्रेस और गठबंधन विधायकों की मौजूदा संख्या 74 है। इनमें कांग्रेस के 69, रालोपा 1, भारत आदिवासी पार्टी के 4 विधायक हैं। संख्या बल के लिहाज से यह सीट भाजपा के खाते में जा सकती है।

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प्रदेश की 10 में से 6 राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

राजस्थान की 10 राज्यसभा सीट हैं। इन में से 6 पर कांग्रेस और 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक यहां से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। इनमें नीरज डांगी को छोड़कर बाकी सभी नेता दूसरे प्रदेशों से हैं।

राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव

इधर कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा, बृजेंद्र ओला, हरीश मीणा के अलावा गठबंधन के सहयोगी हनुमान बेनीवाल और राजकुमार रौत के भी लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद इनकी विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस गठबंधन को अपनी सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की भी चुनौती होगी।

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