
माली समाज की बैठक। फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan Marriage : दिनों-दिन बढ़ती महंगाई और एक दूसरे की होड़ में शादी समारोह में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए शहर के प्रमुख समाजों ने पहल की है। कुप्रथाओं पर रोक के बाद मीणा, जांगिड़, अग्रवाल, राजपूत, माली व यादव समाज की ओर से सादगीपूर्वक आयोजन करने का निर्णय लिया है। समाज की बैठकों में समझाइश के साथ ही समाजजन को जागरूक करने की भी तैयारी है। पदाधिकारियों की ओर से फिजूलखर्च की राशि को जरूरतमंदों की मदद या समाज के उत्थान के लिए काम में लेने का भी आह्वान किया जा रहा है।
सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने के लिए समझाइश की जा रही है। होड़ के चलते शादियों में होने वाले अनावश्यक खर्च से बचें। वही राशि समाज सेवा, शिक्षा या जरूरतमंदों के कल्याण के कार्यों में लगाई जाए। इसका समाज को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
रामसिंह चंदलाई, अध्यक्ष, राजपूत सभा, जयपुर
शादी में होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक के लिए लगातार बैठकों के जरिए जागरूक किया जा रहा है। खाने में कम व्यंजनों के साथ ही सोने-चांदी के आभूषण ज्यादा न देने की अपील की जा रही है। समृद्ध परिवार सादगीपूर्वक आयोजन करेंगे, तभी समाज में सकारात्मक परिवर्तन होगा।
मदन यादव, प्रदेशाध्यक्ष, युवा यादव महासभा
दौसा में हाल ही सैनी समाज की 84 महासभा की बैठक हुई। इसमें पदाधिकारियों ने शादी और बच्चों के जन्म के समय होने वाली पहरावणी पर पूर्णतया रोक लगाई है। अब इस आयोजन में केवल वर-वधू और उनके माता-पिता के कपड़े ही दिए जाएंगे। बैठक में समाज सुधार से जुड़े कई अहम निर्णय भी लिए गए। इन फैसलों का असर जल्द ही निकट भविष्य में देखने को मिलेगा।
नुक्ता प्रथा के साथ समाज में पहरावणी पर भी रोक लगाई है। बारात में 100 मेहमान शामिल होंगे तथा खाने के मेन्यू में सीमित व्यंजन होंगे। इस पहल से वर-वधू पक्ष का आर्थिक भार घटेगा।
छुट्टनलाल सैनी, प्रदेश अध्यक्ष, माली सैनी महासभा
डॉ. अबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान जयपुर के महासचिव जीएल वर्मा ने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में दिखावा और फिजूलखर्ची की जा रही है। सोने-चांदी के बढ़ते भावों ने मध्यमवर्ग का बजट गड़बड़ा दिया है। शादियों और अन्य आयोजनों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए जागरूकता का सबसे अच्छा तरीका घर से शुरुआत करना है। बेटे की शादी में अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाई। बैठकों में समाज के लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे दिखावे से दूर रहकर सादगीपूर्ण आयोजन करें।
प्री-वेडिंग शूट पर रोक के लिए की जा रही समझाइश का समाज में असर भी दिख रहा है। अन्य खर्च पर रोक के साथ ही विवाह वाले परिवारों को सादगीपूर्ण आयोजन के साथ ही सामूहिक विवाह में शादी करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मंजू जेफ, प्रदेशाध्यक्ष, आदिवासी मीणा महिला विकास संघ
समाज में सादगीपूर्ण विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्री-वेडिंग शूट और डीजे पर रोक लगाई है। दुल्हन को दिए जाने वाले आभूषणों की निर्धारित सीमा तय की गई है। परिवारों को समानता के भाव के साथ समारोह आयोजित करने का संदेश दिया जा रहा है।
गिरिजाशंकर तुरकासवाला, महासचिव, अग्रसेन महासभा ट्रस्ट जयपुर
Published on:
23 Nov 2025 02:29 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
