
कानोता बांध। पत्रिका फाइल फोटो
Kanota Dam: जयपुर/कानोता। राजधानी जयपुर में हुई अच्छी बारिश का असर अब कानोता क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। कानोता बांध में लगातार पानी की आवक होने से अब यह बांध छलकने के करीब पहुंच गया है। अगर ऐसा होता है तो बांध के 25 साल के इतिहास में तीसरी बार नया रिकॉर्ड बन जाएगा।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार बांध पर पानी की चादर चलने के लिए मात्र आधा इंच पानी की और जरूरत बताई जा रही है। प्रशासन के अनुसार जैसे ही बांध पूरी तरह भर जाएगा, उससे ओवरफ्लो की स्थिति बनेगी और जल प्रवाह की सुंदर झलक देखने को मिलेगी।
कानोता बांध को हाल ही एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए बैठने की व्यवस्था, छायादार स्थल, रेलिंग, सेल्फी पॉइंट और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक अब बांध पर पानी की चादर चलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं प्रशासन भी बांध के आसपास सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सतर्क नजर आ रहा है।
2000 में बना कानोता बांध सबसे पहले साल 2023 में छलका था। बांध की भराव क्षमता 17 फिट हैं, जबकि बांध में करीब 17 फिट 6 इंच पानी पहुंचा था। बांध पर चादर चलने से वहां से गुजर रही सड़क अवरुद्ध हो गई थी। साल 2024 में मानसून मेहरान रहा। जिससे दूसरी बार बांध ओवर फ्लो हुआ और चादर चली थी। कानोता बांध में लगातार पानी की आवक होने से बांध एक बार फिर छलकने के करीब पहुंच गया है।
बता दें कि कानोता बांध का निर्माण साल 2000 में इस क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने के लिए किया गया था। इसमें जल महल, लंगड़ियावास, सुगली नदी, बरसाती नालों और आसपास के पहाड़ों का पानी आता है। बारिश के दौरान ओवरफ्लो होने पर इसका पानी ढूंढ नदी के माध्यम से क्षेत्र के 15 गांवों तक पहुंचता है।
Updated on:
30 Jun 2025 11:42 am
Published on:
27 Jun 2025 11:47 am
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