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Rajasthan News : किसानों की बल्ले-बल्ले, राजस्थान सरकार ने 8.80 लाख मिनिकिट फ्री में बांटे, जानें क्यों

Rajasthan News : राजस्थान के किसानों की बल्ले-बल्ले। भजनलाल सरकार ने प्रदेश में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए लगभग 8 लाख 80 हजार मिनिकिटों का निशुल्क वितरण किया।

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राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा

Rajasthan News : राजस्थान के किसानों की बल्ले-बल्ले। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत एवं राजस्थान सरकार निरंतर प्रयासरत है। मोटे अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए बजट घोषणानुसार कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में किसानों को बाजरा के 7 लाख 90 हजार और ज्वार के 89 हजार बीज मिनिकिटों का निशुल्क वितरण किया गया है। जिससे राज्य में मोटे अनाज के उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

राज्य में बाजरा-ज्वार की 4960 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई

कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि राज्य में खरीफ 2024 में बाजरा और ज्वार की 4 हज़ार 960 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है। जिसमें से बाजरे की 4,304 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में और ज्वार की 660.73 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है।

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स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मोटा अनाज

मोटे अनाज में बाजरा, ज्वार, रागी एवं कोंदो जैसे धान्य को शामिल किया गया है। इनमें पोषक तत्व प्रोटीन व खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मोटे अनाज में औषधीय गुणों के कारण इनके सेवन से कुपोषण, मोटापा, मधुमेह और हृदय सेसम्बन्धित गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भोजन-थाली में मिलेट्स का सेवन उत्तम स्वस्थ शरीर के रख-रखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कम सिंचाई होती है मोटे अनाज की खेती

मोटे अनाज की खेती कम सिंचाई एवं कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से की जा सकती है। मोटे अनाज को ऐसी फसल माना जाता है जो खाद्यान, जलवायु परिवर्तन जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करती है। उल्लेखनीय है कि भारत देश के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने बाजरा, ज्वार, कोंदो समेत 8 मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया था।

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