Rajasthan News : बजरी की खानों की कमी से राजस्थान के लाखों लोग कालाबाजारी कर बेची जा रही अवैध बजरी मुंह मांगी कीमत पर खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। इससे जनता की जेब पर भार पड़ रहा है। राज्य सरकार लोगों को राहत देने के लिए जल्दी बजरी की नई खानें भी चालू कराना चाहती है। 130 खानों की नीलामी भी की जा चुकी है, लेकिन खान विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से नई खानों को पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र (ईसी) जारी कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। अब तक 130 खानों में से मात्र 7 खानों की ही ईसी जारी हो सकी है।
‘सीया’ (स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी) और ‘सेक’ (स्टेट लेवल एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी) के स्तर पर मात्र 20 बजरी खानों के मामले जांच के चलते लंबित चल रहे हैं। शेष 103 खानों को ईसी जारी कराने की प्रक्रिया खान विभाग और खान नीलामी में लेने वालों की सुस्ती के चलते पूरी नहीं हो पा रही है।
जानकारी के मुताबिक ईसी की प्रक्रिया पूरी करने को लेकर ‘सेक’ की ओर से 63 खान संचालकों को ‘टीओआर’ भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वे अभी आगे की कार्रवाई पूरी कर खान मालिक पुन: दस्तावेज पेश नहीं कर सके हैं। इनके अलावा टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) के लिए 21 खान संचालकों ने अधूरे दस्तावेज के साथ सेक में आवेदन किया है। इससे टीओआर जारी नहीं हो सके हैं।
‘सीया’ के अधिकारियों का दावा है कि आवेदन के 15 दिन के अंदर आवेदकों को टीओआर जारी कर दी जाती है। अभी खान विभाग के अधिकारी 19 खान आवंटियों से तो ईसी के लिए आवेदन ही नहीं करा सके हैं। खान विभाग के उच्चाधिकारी प्राथमिकता के आधार पर बजरी खानों के पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी कराएं तो प्रदेश में जल्द सौ से ज्यादा बजरी खानें शुरू हो सकती हैं। इससे जनता के सामने बजरी की उपलब्धता को लेकर नए विकल्प खुलेंगे और सस्ती बजरी मिल सकेगी।
नीलामी में खानों का आवंटन - 130
पर्यावरण स्वीकृति जारी - 7
टीओआर जारी - 63
टीओआर जारी नहीं हो सके दस्तावेज की कमी से - 21
सीया के स्तर पर लंबित प्रकरण - 7
सेक के स्तर पर लंबित प्रकरण - 13
आवेदन नहीं किए - 19
राज्य सरकार ने बजरी खानों के ईसी जारी कराने को लेकर सीया और सेक में आवेदन लेने को प्राथमिकता तय कर रखी है। जबकि अन्य खानों के मामले में प्राथमिकता का नियम नहीं है। इसके बावजूद खान विभाग के अधिकारी बजरी खानें चालू कराने को लेकर ईसी के लिए कागजी कार्रवाई पूरी कराने में तत्परता नहीं दिखा रहे।
Published on:
14 Jun 2025 07:26 am