
राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आरडीपीएल)। फाइल फोटो पत्रिका
RDPL Update News : राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आरडीपीएल) को पुन: शुरू करने का रास्ता आखिरकार साफ होता नजर आ रहा है। सात महीने से अटकी 21.25 करोड़ रुपए की राशि में से 13.81 करोड़ रुपए और शेयर अमाउंट के रूप में 25.45 लाख रुपए राज्य के चिकित्सा विभाग ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्युटिकल विभाग को ट्रांसफर कर दिए हैं। शेष राशि भी कुछ दिन में ही ट्रांसफर किए जाने की संभावना है।
आरडीपीएल में 25 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) नहीं ली है। इन कर्मचारियों को फरवरी 2020 से करीब 69 महीनों से वेतन नहीं मिला है। जबकि भारत सरकार की ओर से जारी वेतन भत्तों के करीब 5 से 6 करोड़ रुपए अब भी आरडीपीएल के पास है।
अब राज्य सरकार इन कर्मचारियों को उनकी योग्यता के अनुसार आरडीपीएल या अन्य विभागों में समायोजित करने की तैयारी कर रही है। इससे यह उम्मीद जगी है कि राज्य की यह सरकारी दवा कंपनी एक बार फिर से सक्रिय होकर प्रदेश को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभा सकेगी।
राजस्थान पत्रिका में 2 अक्टूबर को "आरडीपीएल चालू होती तो आफत नहीं आती, रोज बना सकती है दो लाख सीरप" शीर्षक से प्रकाशित समाचार में रोकी गई इस राशि की जानकारी दी थी। इस वर्ष मार्च में ही सरकार ने चिकित्सा विभाग को यह राशि ट्रांसफर कर दी थी। लेकिन आज तक इसे केन्द्र को नहीं भेजा गया है। जिससे दवा कंपनी फिर से शुरू करने का काम धीमा पड़ गया है।
वित्त विभाग ने इस वर्ष 29 मार्च को यह राशि स्वीकृत कर राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया था। तकनीकी प्रक्रियाओं और मंजूरियों में देरी के चलते अब तक पूरी राशि नहीं भेजी जा सकी है।
गौरतलब है कि 20 सितंबर 2023 को कैबिनेट में आरडीपीएल को दुबारा शुरू करने का फैसला लिया था। इसके बाद वर्तमान सरकार ने मंत्रियों की कमेटी की अनुशंसा पर 8 जनवरी 2025 को आरडीपीएल को पुन: चालू करने के आदेश दिए थे।
Updated on:
28 Oct 2025 09:08 am
Published on:
28 Oct 2025 09:07 am
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